रांची : नशे के लिए पैसे के जुगाड़ में विपिन साहू को मारी थी गोली
जेवर व्यवसायी हत्याकांड में पांच अपराधी गिरफ्तार रांची : नयासराय निवासी जेवर व्यवसायी विपिन साहू हत्याकांड में पुलिस ने शूटर सहित पांच अपराधियों को गिरफ्तार िकया है. अपराधियों ने बताया कि नशे के लिए पैसे का जुगाड़ करने के लिए घटना को अंजाम दिया था. अपराधियों में नयासराय निवासी नैयर अंसारी, जुल्फान अंसारी, बिरसा नगर […]
जेवर व्यवसायी हत्याकांड में पांच अपराधी गिरफ्तार
रांची : नयासराय निवासी जेवर व्यवसायी विपिन साहू हत्याकांड में पुलिस ने शूटर सहित पांच अपराधियों को गिरफ्तार िकया है. अपराधियों ने बताया कि नशे के लिए पैसे का जुगाड़ करने के लिए घटना को अंजाम दिया था. अपराधियों में नयासराय निवासी नैयर अंसारी, जुल्फान अंसारी, बिरसा नगर निवासी धर्मेंद्र कच्छप, सेक्टर तीन निवासी नवीन कुमार और टंकी साइड निवासी अजीत कुमार सिंह का नाम शामिल है.
अपराधियों के पास से पुलिस ने घटना को अंजाम देने में प्रयुक्त बाइक और हथियार बरामद कर लिया है. वहीं, घटना के दौरान रेकी करने में शामिल टंकी साइड निवासी सुजीत ठाकुर फरार है. उसकी तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है. यह जानकारी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी अनीश गुप्ता ने दी.
कैसे दिया था अंजाम
जानकारी के मुताबिक घटना को अंजाम देने के समय एक बाइक पर धर्मेंद्र, सुजीत और जुल्फान सवार थे. जुल्फान बाइक चला रहा था. उसने ही विपिन साहू को रूकवाया था. वहीं, दो अन्य अपराधियों ने लूटपाट का प्रयास किया, तो विपिन साहू भागने लगा. तब सुजीत और धर्मेंद्र ने फायरिंग कर दी. जबकि तीन अपराधी घटना के दौरान रेकी कर रहे थे.
नैयर ने ही गिरोह के साथियों को रोजाना विपिन साहू द्वारा रुपये और जेवरात लेकर घर आने की सूचना दी थी. यह भी बताया कि घटना के बाद वे सभी धुर्वा डैम के पास सुनसान स्थल पर हथियार छिपाने के लिए जुटे थे. इसके अलावा जुल्फान, नैयर और धर्मेंद्र ने अगस्त में रातू थाना क्षेत्र के पिर्रा और सितंबर में आशीर्वाद गार्डेन के पास महिला से छिनतई की करने की बात स्वीकार की है.
कब हुई थी घटना
एसएसपी ने बताया कि 20 सितंबर को विपिन साहू और उसके चचेरे भाई जाय प्रकाश अरगोड़ा चौक स्थित जेवर दुकान बंद करके नयासराय मुड़मा स्थित घर जा रहे थे.
इसी दौरान विपिन साहू को नयासराय पुल के पास अपराधियों ने गोली मारकर जख्मी कर दिया था. घटना के कुछ दिन बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. अपराधियों को पकड़ने के लिए एसआइटी का गठन किया गया था. एसआइटी में शामिल पुलिस अफसरों ने अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्र कर कार्रवाई की.