खुंटकट्टी प्रथा के तहत जोत करनेवालों को भी मिलेगा पीएम व सीएम किसान योजना का लाभ

मनोज सिंह, रांची : खुंटकट्टी प्रथा के तहत जोत करनेवाले किसानों को भी अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना व मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ मिलेगा. अभी खुंटकट्टी प्रथा के तहत जोत करनेवाले किसानों को दोनों योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. खूंटी व कई जिलों के अधिकारियों ने यह मुद्दा कृषि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 1, 2019 6:03 AM

मनोज सिंह, रांची : खुंटकट्टी प्रथा के तहत जोत करनेवाले किसानों को भी अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना व मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ मिलेगा. अभी खुंटकट्टी प्रथा के तहत जोत करनेवाले किसानों को दोनों योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

खूंटी व कई जिलों के अधिकारियों ने यह मुद्दा कृषि विभाग के समक्ष उठाया था. अधिकारियों का कहना था कि तकनीकी समस्या आने के कारण लाभुकों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है. इसे देखते हुए कृषि विभाग कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
इस प्रस्ताव में मानकी और मुंडा को अधिकार दिया जायेगा. मुंडा जोतदार को प्रमाण पत्र दे सकेंगे. खुंटकट्टी प्रथा में रजिस्टर-2 मानकी और मुंडा के पास ही होता है. लगान जमा करने का अधिका भी इन्हीं लोगों के पास होता है. मानकी या मुंडा के प्रमाण पत्र के आधार लाभुकों का चयन किया जायेगा. इससे चाईबासा और खूंटी जिले के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा.
क्या है खुंटकट्टी प्रथा : अभी भी चाईबासा और खूंटी जिले में खुंटकट्टी प्रथा चलती है. इसके तहत जोतदार अपना लगान मुंडा और मानकी के पास जमा करते हैं. हरेक गांव में एक मुंडा होते हैं. दो से अधिक गांव मिला कर मानकी होते हैं.
अंग्रेजों के शासनकाल में मुंडा और मानकी ही राजा और महाराजा के पास लगान जमा कराते थे. राजा-महाराजा प्रथा समाप्त होने के बाद यह अधिकार सरकार के पास चला गया है. मुंडा और मानकी अब सरकार के पास लगान जमा कराते हैं. जमीन का मालिकाना हक मुंडा और मानकी के पास होता है. अन्य जोतदार होते हैं.
क्या है किसान सम्मान निधि व कृषि आशीर्वाद योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को छह हजार रुपये मिलना है. केंद्र सरकार तीन किस्त में राशि किसानों के खाते में दे रही है. वहीं राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत किसानों को खाद-बीज के लिए आर्थिक सहयोग देने का निर्णय लिया है.
इसके तहत किसानों को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये सहयोग देना है. अधिकतम पांच एकड़ तक खेत रखनेवाले किसानों को यह लाभ मिल रहा है. पांच एकड़ जमीन वाले किसानों को कुल 31 हजार तक मिल सकता है.

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