रांची : सेविका को पांच व सहायिका को ढाई हजार अतिरिक्त मिले

छह जून 2018 को 14 बिंदुअों पर लिखित समझौता हुआ था, इसे लागू करने की मांग कर रही यूनियन रांची : आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ व यूनियन के बैनर तले आंगनबाड़ी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. 16 अगस्त से जारी इस हड़ताल के साथ ही 10 आंगनबाड़ी कर्मियों ने चार दिन पहले भूख हड़ताल भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 19, 2019 8:36 AM
छह जून 2018 को 14 बिंदुअों पर लिखित समझौता हुआ था, इसे लागू करने की मांग कर रही यूनियन
रांची : आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ व यूनियन के बैनर तले आंगनबाड़ी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. 16 अगस्त से जारी इस हड़ताल के साथ ही 10 आंगनबाड़ी कर्मियों ने चार दिन पहले भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. अब तक तीन को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.
मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी: इधर, यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा है कि सरकार सेविका को प्रति माह 1400 रुपये के बजाय पांच हजार तथा लघु आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को 700 के बदले ढाई हजार रु अतिरिक्त मानदेय दे. जब तक यह मांग पूरी नहीं होगी, हड़ताल जारी रहेगी.
दरअसल, यूनियन प्रतिनिधियों तथा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ छह जून 2018 को 14 बिंदुअों पर लिखित समझौता हुआ था. यूनियन उक्त समझौते को पूरी तरह लागू करने की मांग कर रहा है.
विभाग ने कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट जारी की : इधर, यूनियन की मांगों पर विभाग द्वारा अब तक की गयी कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट जारी की गयी थी.
इसमें बताया गया है कि 30 सितंबर 2018 तक सेविका को 4400 रुपये तथा सहायिका को 2200 रुपये प्रति माह मानदेय मिलता था, जो बढ़ा कर क्रमश: 5900 रुपये तथा 2950 रुपये कर दिये गये हैं. वहीं, लघु आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय भी पूर्व के 2950 रुपये से बढ़ा कर 4200 रुपये कर दिया गया है. इस मानदेय व अतिरिक्त मानदेय बढ़ाने से सरकार पर प्रति माह करीब 11 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है. हालांकि यूनियन इससे संतुष्ट नहीं है.
कई कर्मी बच्चों के साथ हड़ताल पर : पिछले एक महीने से राजभवन के समक्ष धरना व हड़ताल स्थल पर कई अांगनबाड़ी कर्मियों को उनके छोटे-छोटे बच्चों के साथ देखा जा सकता है.
38432 आंगनबाड़ी केंद्र प्रभावित
सेविका व सहायिका की हड़ताल के कारण राज्य भर के सभी 38432 आंगनबाड़ी केंद्र प्रभावित हैं. हड़ताल के कारण आंगनबाड़ी खुल नहीं रहे. इससे जन्म से लेकर छह वर्ष तक के बच्चों को गत एक माह से पोषाहार नहीं मिल रहा है.
दरअसल, जन्म से लेकर तीन वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती व धात्री महिलाअों को मिलने वाला रेडी-टू-इट पोषाहार तो जुलाई माह से ही बंद है. वहीं तीन से छह वर्षीय बच्चों को पका हुआ गर्म पोषाहार भी नहीं मिल रहा.
सेविकाओं को बेडशीट दी
युवा राजद का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में हड़ताली आंगनबाड़ी कर्मियों से मिला. इन्होंने कर्मियों की मांगों का समर्थन किया. प्रतिनिधिमंडल की अोर से आंगनबाड़ी कर्मियों को कुछ बेड शीट भी दी गयी. वहीं, नगर निगम से कर्मियों के लिए शौचालय व पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने की मांग भी की गयी.
शौचालय व पेयजल की समस्या
धरना स्थल पर करीब डेढ़ हजार महिलाएं हर दिन मौजूद रहती हैं. पर इनके लिए पेयजल की कोई सुविधा नहीं है. वहीं नगर निगम की अौर से सिर्फ एक चलंत शौचालय वहां रहता है, जो पर्याप्त नहीं है. अांगनबाड़ी कर्मियों का अारोप है कि पूरी तरह भर जाने पर भी नगर निगम इसकी सफाई में विलंब करता है. कुल मिला कर हड़ताली आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए स्थिति परेशानी भरी है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने हाल जाना
प्रदेश कांग्रेस ने राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का समर्थन किया है. मंगलवार को कांग्रेस के दो प्रतिनिधिमंडल ने आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं का हाल-चाल जाना. पहले कांग्रेस प्र‌वक्ता की टीम धरना स्थल पर पहुंची. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने अनशन पर बैठी महिलाओं से मुलाकात की. उनका हाल-चाल पूछा़ महिलाओं ने उन्हें अपनी मांगों से अवगम कराया.

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