रांची: राज्य में सड़क व पुल बनानेवाले ठेकेदारों की संख्या में निरंतर कमी आ रही है, जबकि योजनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस वित्तीय वर्ष में केवल राजधानी रांची में ही सड़क निर्माण की 100 से ज्यादा योजनाएं ली गयी, जबकि ठेकेदार कम रहे. ऐसे में काम आवंटन में कठिनाई हो रही है.
इतना ही नहीं केवल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाएं ली गयी. पथ निर्माण विभाग में भी 1500 करोड़ से ज्यादा की सड़क व पुल ली गयी. इसी तरह एनएच में भी 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के टेंडर निकाले गये. मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना में 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के पुलों का काम निकाला गया. इन कामों के लिए राज्य में ठेकेदार कम पड़ रहे हैं. नतीजन ठेकेदारों पर काम का ज्यादा बोझ हो रहा है.
दो साल से एक भी नया ठेकेदार नहीं
ग्रामीण कार्य विभाग में तो दो साल में एक भी नया ठेकेदार नहीं आया है. इस विभाग में ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन बंद है. इस वजह से इक्के-दुक्के को छोड़ कोई भी नया व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ. वहीं पथ निर्माण विभाग ने भी कुछ समय तक रजिस्ट्रेशन बंद रखा. इस वजह से यहां भी नये ठेकेदारों का प्रवेश रुक गया था. अब जाकर पथ निर्माण विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चालू किया है. इसे शुरू हुए एक माह हो गये हैं, बड़ी संख्या में ठेकेदारों ने आवेदन दिया है, पर मामला पड़ा हुआ है.
हर साल 20-25 ठेकेदार हो रहे कम
हर साल 20 से 25 ठेकेदार कम हो रहे हैं. समय से काम नहीं करने की वजह से वे डिबार (ब्लैक लिस्टेड) हो रहे हैं. यह स्थिति पथ निर्माण विभाग से लेकर ग्रामीण कार्य विभाग में है.