रांची के डेयरी प्लांट की प्रोसेसिंग क्षमता 2.5 लाख लीटर प्रतिदिन होगी : मंत्री रणधीर सिंह

खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में डेयरी सहकारिता से ग्रामीण समृद्धि विषय पर गोष्ठी सरकार 2022 तक दूध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहती है रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री रणधीर सिंह ने घोषणा की है कि रांची, होटवार स्थित डेयरी प्लांट की प्रोसेसिंग क्षमता 2.5 लाख लीटर प्रतिदिन होगी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2019 9:41 AM
खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में डेयरी सहकारिता से ग्रामीण समृद्धि विषय पर गोष्ठी
सरकार 2022 तक दूध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहती है
रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री रणधीर सिंह ने घोषणा की है कि रांची, होटवार स्थित डेयरी प्लांट की प्रोसेसिंग क्षमता 2.5 लाख लीटर प्रतिदिन होगी. इसके लिए सरकार ने प्रयास शुरू कर दिया है. राज्य सरकार 2022 तक दूध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहती है.
इसके लिए कई स्तर से तैयारी की जा रही है. जानवरों के नस्ल सुधार के साथ-साथ प्रोसेसिंग प्लांटों की क्षमता भी बढ़ायी जा रही है. 2022 तक पूरे राज्य में प्रोसेसिंग प्लांटों की क्षमता 7.5 लाख लीटर की होगी. राज्य में करीब पांच लाख लीटर दूध की जरूरत प्रतिदिन है. मंत्री श्री सिंह शनिवार को खेलगांव स्थित टाना भगत स्टेडियम में डेयरी सहकारिता से ग्रामीण समृद्धि विषय पर आयोजित गोष्ठी में बोल रहे थे.
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए 2020 तक 50 हजार महिलाओं को 90 फीसदी अनुदान पर गाय दी जायेगी. अब तक 26397 महिलाओं को इसका लाभ दिया गया है. इस पर सरकार ने करीब 228 करोड़ रुपये अनुदान पर खर्च किया है.
अब सभी जिलों में गाय का वितरण होगा
कृषि विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि 90 फीसदी अनुदान पर किसानों की गाय वितरण स्कीम पहले 15 जिलों में चल रही थी. इसे बढ़ा कर अब सभी 24 जिलों में कर दिया गया है. सरकार ने सभी पंचायतों में कृत्रिम गर्भाधान केंद्र खोलने का निर्णय लिया है. अक्तूबर से तीन हजार केंद्र चालू हो जायेंगे. सरकार पशुपालकों को भी ऋण पर ब्याज में छूट देने का विचार कर रही है. इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में जायेगा.
मधुमक्खी पालन में संभावना देख रहा मेधा
एनडीडीबी के चेयरमैन दिलीप रथ ने कहा कि मेधा प्लांट का झारखंड में पांच साल पूरा हो गया. यहां दूध महासंघ बनाकर 2000 गांवों से दूध संग्रहण का काम हो रहा है. अब तक 20 हजार से अधिक पशुपालकों को जोड़ा गया है. वर्तमान में 1.25 लाख लीटर प्रतिदिन दूध का संग्रहण हो रहा है. एक माह में किसानों के दूध के लिए 10 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जाता है. मेधा यहां का प्रमुख ब्रांड हो गया है. अब मधुमक्खी पालन में भी संभावना देखा जा रहा है.
पांच साल का डेयरी प्लान तैयार हो : मराठे
सहकार भारती के सतीश मराठे ने कहा कि राज्य और केंद्र को मिल कर कोऑपरेटिव डेयरी को बढ़ावा देना चाहिए. अब तक करीब 22 फीसदी किसानों तक ही यह व्यवस्था पहुंच पायी है. राज्य सरकार को अगले पांच साल का डेयरी प्लान तैयार करना चाहिए. ट्रेनिंग पॉलिसी का भी निर्माण होना चाहिए. इस मौके पर जेएमएफ प्रबंध कमेटी के मिनेश साह नेअतिथियों का स्वागत तथा झारखंड मिल्क फेडरेशन के एमडी एसी सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
किसानों को मिला लाभांश और सम्मान
इस मौके पर अच्छा काम करने वाले किसानों को सम्मानित किया गया. कई किसानों को लाभांश भी दिया गया. लॉटरी के माध्यम से रांची की रजनी उरांव, जतरी उराइन, बंधन महतो व भोला उरांव तथा रामगढ़ के मो सैफुल्लाह, सत्येंद्र सिंह को गाय दी गयी. कई किसानों को बायोगैस प्लांट भी दिया गया.

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