रांची : उग्रवाद नियंत्रण में लगे अर्द्धसैनिक बलों के लिए पैसा नहीं ले केंद्र सरकार

उग्रवाद नियंत्रण में लगे अर्द्धसैनिक बलों के लिए पैसा नहीं ले केंद्र सरकार आग्रह. नयी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा दिल्ली/रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि उग्रवाद एक ऐसी समस्या है, जिसे केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मिल कर ही समाप्त किया जा सकता है. इस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 16, 2019 8:13 AM

उग्रवाद नियंत्रण में लगे अर्द्धसैनिक बलों के लिए पैसा नहीं ले केंद्र सरकार

आग्रह. नयी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा

दिल्ली/रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि उग्रवाद एक ऐसी समस्या है, जिसे केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मिल कर ही समाप्त किया जा सकता है. इस दिशा में झारखंड को केंद्र से सराहनीय सहयोग मिल रहा है. उग्रवाद से निपटने के लिए केंद्र द्वारा राज्यों में अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति की जाती है. इसके एवज में बड़ी राशि राज्यों से वसूली जाती है.

यह राशि राज्य सरकारों के सीमित वित्तीय संसाधनों पर एक बड़ा बोझ है. केंद्र सरकार से आग्रह है कि इस राशि वसूलने के प्रावधान को पूर्णत: समाप्त कर दिया जाये. अगर ऐसा करना संभव नहीं हो, तो इसे केंद्र व राज्य सरकार के बीच 50-50 फीसदी के अनुपात में शेयर किया जाना चाहिए. श्री दास ने उक्त बातें शनिवार को राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग के पांचवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कही.

सिर्फ 13 जिले ही अति उग्रवाद प्रभावित : मुख्यमंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के नियंत्रण की दिशा में सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं. वर्ष 2014 में झारखंड के कुल 24 जिलों में से 21 जिले उग्रवाद प्रभावित थे.

आज यह घट कर 19 हो गया है. इसमें 13 जिले ही अति उग्रवाद प्रभावित जिले के रूप में चिह्नित हैं. झारखंड में नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में कमी आयी है. उपलब्ध बलों एवं पुलिस पदाधिकारियों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है. नये टीओपी व थाने स्थापित किये गये हैं.

पहले सृजित थानों की संख्या 408 हुआ करती थी, जिसे बढ़ा कर 547 कर दिया गया है. कई वर्षों में अंतराल के बाद 2585 पुलिस अवर निरीक्षकों की नियुक्ति की गयी है. उग्रवाद से सीधे लड़ाई लड़ने के लिए एक विशेषज्ञ बल के रूप में झारखंड जगुआर का गठन किया गया है, जिसमें शामिल 40 असाल्ट ग्रुप नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दिन-रात सर्च अभियान में जुटे हैं.

आइआरबी की सात बटालियन झारखंड बनने के बाद सृजित की गयी है. तीन बटालियन सृजन की प्रक्रिया में है. उग्रवाद उन्मूलन में सरकार को सफलता मिली है. वर्ष 2014 से पूर्व हमने कुल 495 पुलिसकर्मियों को खोया था, जो प्रतिवर्ष करीब 35 के आसपास थे. जबकि पिछले पांच साल में यह संख्या सिर्फ 26 है. थानों पर हमले की घटना 85 से घट कर शून्य पर पहुंच गयी है. आम लोगों की हत्याएं 1626 से घट कर पिछले पांच वर्षों में सिर्फ 186 रह गयी है. वर्ष 2019 में कुल 18 उग्रवादी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं.

उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड में हिंसामुक्त लाेकसभा चुनाव संपन्न कराया गया, जो एक बड़ी उपलब्धि है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नीति आयोग की पहल पर राज्यों ने जो विकास किया है, आम जनता ने भी इसे सराहा है. जनता का विश्वास लोकसभा चुनाव परिणाम में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ है.

प्रधानमंत्री से मिले रघुवर : रांची. मुख्यमंत्री रघुवर दास में शनिवार को नयी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.

साथ ही उन्हें झारखंड की जनता की ओर से बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में बीते पांच वर्षों में जो विकास कार्य हुए, उसी का नतीजा है कि भारत की जनता ने मोदी जी को इतना बड़ा जनादेश दिया है.

अगर ऐसा संभव नहीं, तो केंद्र व राज्य के बीच 50-50% के अनुपात में रािश शेयर की जाये

सीएम के सुझाव

निजी बाजारों की स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाने व लाइसेंसीकरण के प्रावधानों में सुधार की जरूरत

आवश्यक वस्तु अधिनियम की आवश्यकता पर पुनर्विचार किया जाये

आपदा राहत कोष के उपयोग में राज्य सरकारों को विशेषकर पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रावधान को लचीला बनाया जाये

उपलब्धियां बतायी

2014 में 24 जिलों में से 21 जिले उग्रवाद प्रभावित थे, आज सिर्फ 19 रह गये हैं

पहले थानों की संख्या 408 थी, जिसे बढ़ा कर 547 कर दिया गया है

थानों पर हमले की घटना 85 से घट कर शून्य पर पहुंच गयी है

आम लोगों की हत्याएं 1626 से घट कर पांच वर्षों में सिर्फ 186 रह गयी है

2024 तक 5,000 अरब डाॅलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य

नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की पांचवीं बैठक में सबका साथ, सबका विकास, सबका िवश्वास के मंत्र के साथ आगे बढ़ने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही.

शनिवार को आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2024 तक 5,000 अरब डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखते हुए कहा कि भले ही यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन राज्यों के सहयोग से इसे हासिल किया जा सकता है. लोगों की आय और रोजगार के अवसर बढ़ाने में निर्यात क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है.

बंगाल समेत तीन राज्यों के सीएम नहीं पहुंचे

पीएम मोदी ने नवगठित जल शक्ति मंत्रालय के बाबत कहा कि यह जल प्रबंधन में एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाने में मदद करेगा. राज्यों को भी जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में अपने विभिन्न प्रयासों को समन्वित करना चाहिए. इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और सभी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री शामिल हुए.

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