रांची : नक्सली हिंसा मारे गये लोगों के परिजनों को नौकरी व मुआवजा नहीं मिलने की खबर पर सीएम हेमंत सोरेन ने गृह सचिव व डीजीपी से जवाब-तलब किया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा है कि किसकी लापरवाही से अब तक मुआवजा व नौकरी नहीं दी गयी है. ऐसे दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है. मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री स्व रमेश सिंह मुंडा की पत्नी को नौकरी व मुआवजा नहीं मिलने पर नाराजगी जतायी.
उन्होंने कहा कि डीजीपी जनता दरबार नहीं लगाते, तो यह बात सामने ही नहीं आती. सीएम ने तल्ख लहजे में कहा कि जो भी पदाधिकारी दोषी हैं, उनके खिलाफ गृह सचिव व डीजीपी कार्रवाई करें. जिलों के एसपी ऐसे मामलों में संवेदनशीलता नहीं दिखा रहे हैं. प्रशासनिक लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते ऐसे मामले वर्षो से लंबित हैं.
15 अगस्त को सौंपा जा सकता है नियुक्ति पत्र
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री चाहते हैं कि अब हर हाल में 15 अगस्त तक नक्सली हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों को नौकरी व मुआवजा का मामला निष्पादित कर दिये जायें. स्वतंत्रता दिवस के दिन नियुक्ति पत्र देने की योजना बनायी जा रही है.गृह सचिव और डीजीपी से पूछा, यह किसकी लापरवाही है