रांची : डेढ़ साल से कम उम्र के कुत्तों का प्रजनन अवैध

मनोज सिंह, रांची : कुत्तों (मादा श्वान) का डेढ़ साल की उम्र से पूर्व प्रजनन कराना गैरकानूनी है. एक मादा श्वान से उसके जीवनकाल में पांच बार ही बच्चे जन्मा सकते हैं. इससे अधिक बार बच्चा जन्माने का प्रयास करना पशु क्रूरता के दायरे में आता है. बच्चा जन्माने तथा उसे बेचने के लिए भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 16, 2019 12:59 AM

मनोज सिंह, रांची : कुत्तों (मादा श्वान) का डेढ़ साल की उम्र से पूर्व प्रजनन कराना गैरकानूनी है. एक मादा श्वान से उसके जीवनकाल में पांच बार ही बच्चे जन्मा सकते हैं. इससे अधिक बार बच्चा जन्माने का प्रयास करना पशु क्रूरता के दायरे में आता है. बच्चा जन्माने तथा उसे बेचने के लिए भी राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड से निबंधन कराना होगा.

बिना निबंधन के कुत्ते का ब्रीडिंग पूर्णत: प्रतिबंधित है. ऐसा करने पर कार्रवाई का प्रावधान भारत सरकार ने पशु क्रूरता अधिनियम के श्वान एवं प्रजनन नियम-2017 में किया है. राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने इसका कड़ाई से पालन करने के लिए आदेश जारी किया है.
पांच हजार रुपये में होता है निबंधन : राज्य अंतर्गत सभी प्रजनक (ब्रीडर) को बोर्ड से निबंधित कराने की अपील की गयी है. बोर्ड में निबंधन के लिए प्रजनक को 5000 रुपये का ड्राफ्ट राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड में आवेदन के साथ जमा करना होता है. अवैध प्रजनक से श्वान पशु को जब्त किये जाने का भी प्रावधान है.
ट्रायल के दौरान श्वान पशु के भरण-पोषण चिकित्सा, परिवहन, बंध्याकरण आदि के व्यय का भार श्वान पशु स्वामी द्वारा किया जायेगा. इसके लिए दर का निर्धारण राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड द्वारा किया गया है. न्यूनतम 1.5 वर्ष तथा अधिकतम आठ वर्ष की आयु तक कुल पांच बार ही ब्रीडिंग कराना है.
  • राज्य जीव जंतु कल्याणबोर्ड ने जारी किया आदेश
  • बिना निबंधन नहीं करा सकते हैं मेटिंग, बिक्री पर भी रोक
  • राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड से निबंधन कराना होगा
क्या-क्या कर सकते हैं
मादा श्वान से एक वर्ष में एक बार ही ब्रीडिंग करा सकते हैं
मादा श्वान से निरंतर दो ब्रीडिंग सीजन में ब्रीडिंग कराना अवैध है
मादा श्वान के जीवनकाल में अधिकतम पांच बार ही ब्रीडिंग करा सकते हैं.
गर्भाधान के लिए कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया करना अथवा रेप स्टैंड टेक्निक का उपयोग करना अवैध है.
अंत: प्रजनन (इनब्रीडिंग) या समोत्र प्रजनन (इनसेस्ट ब्रीडिंग) कराया जाना अवैध है.
श्वान का पूंछ व कान काटना, ध्वनि अवरोध शल्य क्रिया अथवा किसी प्रकार का अंग विक्षेदन अवैध है.
आठ सप्ताह से कम आयु के शिशु श्वान की बिक्री भी अवैध है.
शिशु श्वान की बिक्री से पूर्व माइक्रो चिप लगाना, आवश्यक टीकाकरण, विकृमिकरण तथा चिकित्सा संबंधी समस्या अभिलेख उपलब्ध कराना भी अनिवार्य है.

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