रंगरेज गली से अतिक्रमण हटाने व दुर्घटना से निबटने का क्या प्लान है

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को अपर बाजार स्थित रंगरेज गली में निर्मित बहुमंजिला भवनों में बने पार्किंग स्थल के व्यावसायिक उपयोग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम को अतिक्रमण हटाने सहित आकस्मिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 27, 2019 1:55 AM

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को अपर बाजार स्थित रंगरेज गली में निर्मित बहुमंजिला भवनों में बने पार्किंग स्थल के व्यावसायिक उपयोग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम को अतिक्रमण हटाने सहित आकस्मिक दुर्घटना से निबटने के लिए योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 10 मई की तिथि निर्धारित की है.
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि रंगरेज गली में हमेशा जाम की समस्या रहती है. गली में बने बहुमंजिलें भवनों के बेसमेंट में पार्किंग स्थल नहीं बनाया गया है, बल्कि दुकानें बना कर बेच दी गयी हैं. उसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है.
गली इतनी संकीर्ण है कि किसी भी तरह की आकस्मिक दुर्घटना होने पर अग्निशमन की गाड़ी भी नहीं पहुंच पायेगी. रांची नगर निगम ने भवन निर्माणकर्ताओं के खिलाफ यूसी केस दर्ज किया है, लेकिन दुकानें सील नहीं की हैं. उन्होंने पार्किंग स्थल का व्यावसायिक उपयोग कर रहे दुकानदारों को प्रतिवादी बनाने की बात कही.
इस पर नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए कहा कि शिकायतें मिलने के बाद नगर निगम ने यूसी केस दर्ज कर अतिक्रमण का मामला शुरू किया है. मामला ट्रिब्यूनल में लंबित है. किसी भी तरह के अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाती है.
प्रार्थी और नगर निगम के अधिवक्ता के बीच तीखी बहस हुई. हस्तक्षेपकर्ता दुकानदारों की ओर से अधिवक्ता रितु कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सेंटर फॉर आरटीआइ की ओर से जनहित याचिका दायर कर रंगरेज गली सहित अपर बाजार से अतिक्रमण हटाने की मांग की गयी है.
उन्होंने बेसमेंट को खाली कराने व वाहनों के वैकल्पिक पार्किंग की व्यवस्था करने की भी मांग की है. उधर, इस मामले में 12 प्रतिवादियों को नोटिस भेजा गया है, जिसमें से अब तक एक का भी तामीला नहीं हुआ है. सभी नोटिस वापस हो गयी हैं.

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