एनके एरिया में महा कोल डे आज

1.05 लाख टन कोयला निकालनेका रखा गया है लक्ष्य : महाप्रबंधक डकरा : एनके एरिया ने अपने निर्धारित कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए 24 फरवरी को महा कोल डे मनाने का निर्णय लिया है. सभी परियोजनाओं को मिला कर तीनों पाली में 1 लाख 5 हजार टन कोयला निकालने का लक्ष्य निर्धारित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 24, 2019 8:00 AM
1.05 लाख टन कोयला निकालनेका रखा गया है लक्ष्य : महाप्रबंधक
डकरा : एनके एरिया ने अपने निर्धारित कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए 24 फरवरी को महा कोल डे मनाने का निर्णय लिया है. सभी परियोजनाओं को मिला कर तीनों पाली में 1 लाख 5 हजार टन कोयला निकालने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
1974 में कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद पिछले 45 साल के इतिहास में आज तक कभी भी एनके एरिया एक दिन में इतना कोयला नहीं निकाल पायी है. 31 मार्च 2018 को सबसे ज्यादा 75 हजार टन एक दिन में उत्पादन हो पाया था. हालांकि वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन बने इस रिकॉर्ड को हमेशा संदेह के नजर से देखा जाता है. लेकिन इस बार 1 लाख 5 हजार टन का रिकॉर्ड बनाने के लिए पिछले 15 दिनों से इसकी तैयारी चल रही है.
इसके पहले 17 मार्च को मीनी कोल डे के तहत 50 हजार टन का लक्ष्य रखा गया था. उस दिन बारिश हो जाने के कारण 42 हजार टन ही कोयला निकल पाया था. बारिश नहीं होती तो 50 हजार टन से अधिक कोयला उत्पादन हो सकता था. महाप्रबंधक एमके राव के नेतृत्व में पूरी टीम 24 फरवरी को 1 लाख 5 हजार टन कोयला निकाल कर एक नया कीर्तिमान बनाने को लेकर उत्साहित है.
चालू वित्तीय वर्ष में 31 मार्च 2019 तक एरिया को 67 लाख टन कोयला निकालना है. इस लक्ष्य के तहत 22 मार्च तक 59 लाख 9 हजार 924 टन कोयला निकल चुका है. अर्थात बाकि बचे 9 दिन में 7 लाख 90 हजार 76 टन कोयला निकालना है. महाप्रबंधक ने सबसे ज्यादा ध्यान पुरनाडीह में लगा रखा हैं. प्रतिदिन वे आठ से 10 घंटा पुरनाडीह परियोजना में बिता रहे हैं. पुरनाडीह की टीम ने प्रभात खबर को बताया कि महाप्रबंधक एमके राव और पुरनाडीह पीओ डीके झा ने खदान को इस तरीके से बना दिया है कि अंतिम सात दिन तक वहां किसी मशीन को ओबी में लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
वहां सभी आठ मशीनें लगातार लगभग सात दिन तक सिर्फ कोयला निकालने का काम करेगी, जो अपने-आप में एक बड़ा रिकॉर्ड होगा. 22 मार्च तक डकरा 3 लाख 70 हजार 584, केडीएच 3 लाख 15 हजार 320, पुरनाडीह 20 लाख 26 हजार 332 व रोहिनी 33 लाख 97 हजार 688 टन कोयला निकाल चुकी है. 1 लाख 5 हजार लक्ष्य के तहत सबसे ज्यादा पुरनाडीह से 70 हजार, रोहिनी से 17.50 हजार, केडीएच और डकरा को मिला कर 17.50 हजार टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा गया है.
महा कोल डे के नाम पर एनके एरिया के नाम स्वत: एक रिकॉर्ड दर्ज : 16 मार्च को महाप्रबंधक एमके राव ने कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने में ट्रेड यूनियन की भूमिका को शामिल करने के उद्देश्य से सलाहकार समिति की बैठक बुलायी, जिसमें उन्होंने 17 मार्च को मिनी कोल डे और 24 मार्च को महा कोल डे मनाने का विचार रखा. श्रमिक प्रतिनिधियों ने उनके इस सुझाव का स्वागत किया. 17 मार्च के प्रदर्शन से लोग काफी उत्साहित हुए.
सोशल मीडिया के जरिए जब पूरे सीसीएल में इसकी जानकारी पहुंची, तब सीसीएल प्रबंधन ने भी 24 मार्च को महा कोल डे घोषित करते हुए एक दिन में एक लाख टन कोयला निकालने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया. इस तरह एनके एरिया के किसी योजना को अपना कर सीसीएल ने स्वत: ही एनके एरिया के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज करा दिया.
डकरा, केडीएच और पुरनाडीह टीम के साथ महाप्रबधंक ने की बैठक की : महा कोल डे को सुरक्षित तरीके से संपन्न करने के उद्देश्य से महाप्रबंधक एमके राव ने शनिवार को दोपहर डकरा, केडीएच और पुरनाडीह परियोजना प्रबंधन के साथ बैठक की, जिसमें परियोजना को दिये गये लक्ष्य पर चर्चा के बाद सबसे ज्यादा सुरक्षित तरीके से कोयला निकालने को लेकर चर्चा की गयी. महाप्रबंधक ने कहा कि सुरक्षा से किसी भी तरह का बगैर समझौता किये काम करना है. बैठक में तीनो परियोजना के महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद थे.
कोयला कर्मी अगले सात दिन अपना सर्वश्रेष्ठ एनके एरिया को दें : राव : डकरा, केडीएच और पुरनाडीह परियोजना प्रबंधन के साथ बैठक के बाद महाप्रबधंक एमके राव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि फिल्म चक दे इंडिया का प्रेरित करनेवाला मशहूर 70 मिनट वाला डायलॉग के तर्ज पर एनके परिवार के कर्मयोगी कोयला खनिकों से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि वे अलगे सात दिन अपना सर्वश्रेष्ठ कर्म एनके एरिया को दें. ये सात दिन में उन्हें किसी तरह का निर्देश नहीं दिया जायेगा. बल्कि वे खुद मुझे निर्देश दें कि मुझे क्या करना है.
उन्हाेंने कहा : मेरी सिर्फ एक अपील लोगों से है कि वे सुरक्षा का सबसे ज्यादा ध्यान रख कर काम करें. क्योंकि अभी तक एनके एरिया शून्य दुर्घटना वाला क्षेत्र बन कर काम कर रहा है. यह रिकॉर्ड खराब नहीं होना चाहिए. उन्होंने कोयलाचंल के गृहिणियों से अपील करते हुए कहा कि अगले सात दिन वे घर का माहौल इस तरीके से बनायें कि कामगार उत्साह से अपने कार्यस्थल पर काम कर सकें. ये सात दिन उन्हें सिर्फ एनके एरिया के लिए काम करने दें. एनके एरिया अपने इतिहास के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां से उसे अपने सबसे गौरवशाली समय में प्रवेश करना है.
जो एरिया अभी छह मिलियन टन कोयला निकालने के लिए संघर्ष कर रहा है, वह अगले वित्तीय वर्ष में आराम से 10 मिलियन टन कोयला निकालने की क्षमता बना सकेगा. इसके लिए जरूरी है कि चालू वित्तीय वर्ष का टारगेट पूरा हो. ताकि मुख्यालय से एनके एरिया को हर तरह का सहयोग मिल सके. यहां काम करने वालों की हर अपेक्षा को पूरा किया जा सके.

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