रांची : डबल मर्डर में लोकेश, एमके सिंह व धर्मेंद्र तिवारी होंगे फरार घोषित

इश्तेहार व कुर्की के लिए कोर्ट से वारंट देने की मांग करेगी पुलिस रांची : अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोक नगर रोड नंबर एक स्थित साधना न्यूज चैनल के दफ्तर में व्यवसायी महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की हुई हत्या मामले में पुलिस ने लोकेश चौधरी, एमके सिंह और धर्मेंद्र तिवारी के खिलाफ जारी वारंट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 18, 2019 8:55 AM

इश्तेहार व कुर्की के लिए कोर्ट से वारंट देने की मांग करेगी पुलिस

रांची : अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोक नगर रोड नंबर एक स्थित साधना न्यूज चैनल के दफ्तर में व्यवसायी महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की हुई हत्या मामले में पुलिस ने लोकेश चौधरी, एमके सिंह और धर्मेंद्र तिवारी के खिलाफ जारी वारंट का तामिला कर दिया है. अब पुलिस जल्द ही तीनों के खिलाफ जारी वारंट को न्यायालय को लौटा देगी.

इसके साथ ही तीनों के खिलाफ एक साथ इश्तेहार और कुर्की के लिए न्यायालय से वारंट देने का अनुरोध करेगी. इसके बावजूद अगर तीनों आरोपी पुलिस से बचने के लिए भागते रहे और पुलिस उन्हें गिरफ्तारी नहीं कर पायी या तीनों ने न्यायालय में सरेंडर नहीं किया, तब ऐसी परिस्थिति में पुलिस तीनों आरोपियों को फरार घोषित करेगी. इसके बाद पुलिस तीनों की गिरफ्तारी के लिए उनके खिलाफ इनाम की घोषणा भी कर सकती है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धर्मेंद्र तिवारी का अंतिम लोकेशन गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) आया था. वहीं, दूसरी ओर एमके सिंह और लोकेश चौधरी के बारे में अंतिम समय पटना में होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद से तीनों आरोपियों ने अपना मोबाइल बंद कर लिया, ताकि पुलिस उन्हें ट्रेस नहीं कर पाये. बताया जाता है कि लोकेश और एमके सिंह एक साथ हो सकते हैं. क्योंकि व्यवसायी बंधुओं की हत्या के बाद हासिल मोटी रकम दोनों के पास ही है. हत्याकांड के बाद दोनों रुपये लेकर भी एक साथ निकले थे. पुलिस को बीच में यह भी जानकारी मिली थी लोकेश बिहार से नेपाल भाग गया था. लेकिन पुलिस लोकेश के नेपाल स्थित ठिकाने के बारे में जानकारी एकत्र नहीं कर पायी.

उल्लेखनीय है कि अभी तक जांच में पुलिस को आरंभिक जानकारी में यही पता चला कि लोकेश ने दोनों व्यवसायी बंधुओं को मोटी रकम लेकर अपने ऑफिस एक योजना के तहत बुलाया था. योजना के अनुसार ही दोनों व्यवसायी के आने के बाद लोकेश अपने बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी के साथ अपने मित्र एमके सिंह जो खुद को आइबी का अधिकारी बताता था, उसे अपने ऑफिस बुलाया था. योजना के अनुसार ही एमके सिंह ने आइबी का अधिकारी बताते हुए रुपये हड़पने के लिए लोकेश चौधरी के ऑफिस में फर्जी रेड किया. इसके बाद दोनों व्यवसायियों के रुपये जो लोकेश चौधरी के टेबल पर रखे थे, उसे उठा लिया.

जब दोनों व्यवसायियों ने रुपये वापस पाने के लिए लोकेश से अनुरोध किया, तब रुपये छोड़ने के लिए एमके सिंह अधिक हिस्सा मांग रहा था. लेकिन दोनों भाइयों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद सबसे पहले एमके सिंह ने अपने पिस्टल से एक फायरिंग की. इसके बाद विवाद बढ़ने पर दोनों व्यवसायियों की हत्या कर आरोपियों ने सभी रुपये हड़प लिये थे.

Next Article

Exit mobile version