रांची : अब तीन हेक्टेयर तक क्षेत्र में खनन पट्टा बिना खनिज उपलब्धता प्रमाण पत्र के

लघु खनिज सानुदान नियमावली में सरकार ने किया संशोधन रांची : राज्य सरकार के लघु खनिज समनुदान नियमावली में संशोधन कर दिया है. इससे अब तीन हेक्टेयर (7.413 एकड़) तक के क्षेत्रफल पर लघु खनिजों का खनन पट्टा लेने के लिए खनिज उपलब्धता प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी. इससे पहले राज्य में लागू खनिज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 11, 2019 9:46 AM
लघु खनिज सानुदान नियमावली में सरकार ने किया संशोधन
रांची : राज्य सरकार के लघु खनिज समनुदान नियमावली में संशोधन कर दिया है. इससे अब तीन हेक्टेयर (7.413 एकड़) तक के क्षेत्रफल पर लघु खनिजों का खनन पट्टा लेने के लिए खनिज उपलब्धता प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी. इससे पहले राज्य में लागू खनिज समनुदान नियमावली, 2004 में सरकार ने वर्ष 2017 में संशोधन किया था. इसके तहत रैयती जमीन पर पांच हेक्टेयर (12.355 एकड़) तक के क्षेत्रफल पर लघु खनिजों जैसे पत्थर, मोरम आदि का खनन पट्टा के लिए खनिजों की उपलब्धता से संबंधित प्रमाण की जरूरत होती थी.
भूतत्व निदेशालय द्वारा खनिजों की उपलब्धता से संबंधित प्रमाण जारी करने के बाद उपायुक्त द्वारा खनन पट्टा स्वीकृत किया जाता था.सरकार का मानना है कि नियमावली में किये गये नये प्रावधान की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे. साथ ही नीलामी नियमावली के लागू होने के दो साल बाद तक लघु खनिजों के लिए नीलामी की संख्या नहीं के बराबर रही, इसलिए सरकार ने तीन हेक्टेयर तक के क्षेत्रफल पर खनन पट्टा के लिए भूतत्व विभाग से उपलब्धता प्रमाण पत्र लेने की बाध्यता समाप्त कर दी है. अब तीन हेक्टेयर तक के क्षेत्रफल पर संबंधित जिले के उपायुक्त ही अपने स्तर से जांच-पड़ताल के बाद खनन पट्टा दे सकेंगे.

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