30 मार्च 2012 को वोटिंग के बाद रद्द हो चुके राज्यसभा चुनाव में हुई हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप में विधायक सीता सोरेन सहित छह लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने आरोप पत्र दायर कर दिया है. देश में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी विधायक के खिलाफ हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप में आरोप पत्र दायर किया गया हो. अब सीबीआइ के विशेष न्यायालय में इन आरोपियों के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया शुरू होगी.
रांची: सीबीआइ ने राज्यसभा चुनाव 2012 में हुई हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप में झामुमो विधायक सीता सोरेन सहित छह लोगों के खिलाफ आरोप पत्र ( चाजर्शीट) दाखिल कर दिया है. इनमें निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल व पवन धूत, सीता सोरेन के पिता बोध नारायण माझी, उनके आप्त सचिव राजेंद्र मंडल और पवन धूत के लिए काम करनेवाले सुनील कुमार माहेश्वरी भी शामिल हैं. सीबीआइ ने हॉर्स ट्रेडिंग मामले में कई विधायकों के ठिकानों पर छापामारी की थी. 21 अन्य विधायकों सहित कुछ और लोगों के विरुद्ध जांच चल रही है.
सीबीआइ की ओर से अधिकारी एके झा ने विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत में अंतरिम आरोप पत्र दायर किया. इसमें विधायक सीता सोरेन पर 2012 में रद्द हो चुके राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल से वोट देने के बदले 1.5 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया गया है. सीता सोरेन ने इस निर्दलीय प्रत्याशी को वोट भी नहीं दिया था. चुनाव के दिन ही जमशेदपुर से रांची आ रही एक गाड़ी से आयकर विभाग ने 2.15 करोड़ रुपये जब्त किये थे.
कहां और कैसे दिये गये थे पैसे
सीबीआइ ने पूरे मामले की गहराई से जब जांच की तो कई रोचक तथ्य उसके हाथ लगे. चुनाव के ठीक पहले निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल रांची आये थे. वह होटल रेडिसन ब्लू में ठहरे थे. उन्होंने होटल से ही विधायक सीता सोरेन से फोन पर बात की. इसके बाद सीता सोरेन ने अपने आप्त सचिव को आरके अग्रवाल के पास होटल रेडिसन ब्लू भेजा. आप्त सचिव होटल पहुंचे, आरके अग्रवाल से मिले. अग्रवाल ने उन्हें 30 लाख रुपये दिये, पर उन्होंने 30 लाख रुपये लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि बगैर सीता सोरेन से बात किये वह पैसे नहीं लेंगे. उन्होंने अग्रवाल की बात सीता सोरेन से करायी. सीता सोरेन ने अग्रवाल को साफ-साफ कर दिया कि आधा नहीं, पूरा लेंगे. सीता सोरेन के नहीं मानने पर शाम में नोटों से भरा दूसरा बैग आया. इस बैग को सीता सोरेन के आप्त सचिव को सौंप दिया गया. बैग लेकर वह कुछ लोगों के साथ जमशेदपुर की ओर रवाना हो गया. जमशेदपुर-बहरागोड़ा होकर ही ओड़िशा जाने का रास्ता है, जहां सीता सोरेन के पिता रहते हैं.
पूरे मामले में घाटे में रही सीता सोरेन. आरके अग्रवाल ने उनके आप्त सचिव को जो 1.5 करोड़ रुपये दिये, उसमें से एक करोड़ रुपये उनके पिता बोध नारायण माझी के पास चले गये. रुपये लेने के बाद बोध नारायण ओड़िशा स्थित अपने गांव चले गये. डेढ़ करोड़ में से जो 50 लाख रुपये बच गये थे, उसे सीता सोरेन के आप्त सचिव राजेंद्र मंडल ने अपने पास रख लिया. पैसों के लेन-देन के पूरे मामले के सबूत सीबीआइ के पास हैं. सीबीआइ ने संबंधित साक्ष्य भी अदालत में पेश किये हैं. भले ही सीता सोरेन के हाथ पैसे न लगे हों, पर सूत्रों के अनुसार सीता सोरेन ने अपनी बेटियों के स्कूल में बतौर फीस करीब 20 लाख रुपये नकद जमा किये थे. उनकी बेटियां मुंबई, बेंगलुरु और रांची में पढ़ती हैं.
अन्य विधायकों के खिलाफ जांच जारी
चाजर्शीट में दूसरे निर्दलीय प्रत्याशी पवन धूत पर वोट के लिए विधायकों को पैसे देने की पेशकश करने का आरोप लगाया गया है. हालांकि किन विधायकों को पैसे देने की पेशकश की गयी थी, इसकी जानकारी आरोप पत्र में नहीं दी गयी है. कहा गया है कि मामले में संदेह के दायरे में आये विधायकों को लेकर जांच जारी है. आरोप पत्र के अनुसार, निर्दलीय प्रत्याशी पवन धूत ने अपने करीबी समङो जानेवाले सुनील माहेश्वरी के माध्यम से विधायकों को वोट के बदले पैसे देने की पेशकश की थी. धूत के लिए एजेंट के रूप में काम करनेवाला सुनील कोलकाता का रहनेवाला है.
हॉर्स ट्रेडिंग मामला : कब-क्या हुआ
– 30 मार्च 2012 को आयकर ने एक गाड़ी से नामकुम से 2.15 करोड़ रुपये जब्त किये. इसी दिन चुनाव हुए. आयोग ने वोटों की गिनती पर रोक लगा दी. इसके बाद राष्ट्रपति से चुनाव रद्द करने की अनुशंसा की
– दो अप्रैल 2012 को कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप बलमुचु ने वोटों की गिनती की मांग को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर की. बाद में जयशंकर पाठक ने चुनाव आयोग की अनुशंसा के विरुद्ध जनहित याचिका दायर की
– पांच अप्रैल 2012 को हाइकोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की सीबीआइ जांच का आदेश दिया. पाठक पर एक लाख का दंड लगाया.
– 19 अप्रैल 2012 को सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की
– 21 अप्रैल 2012 को तीन विधायकों व निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल के ठिकानों पर छापे मारे
– 18 मई 2012 को मंत्री, पूर्व सांसद, विधायकों व निर्दलीय प्रत्याशी पवन धूत के ठिकानों पर छापे मारे
– 13 जून को विधायक बंधु तिर्की,चमरा लिंडा, विधायकों के रिश्तेदारों व पवन धूत से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापे मारे
– 14 मई 2013 को सीबीआइ ने निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल को गिरफ्तार किया
– 18 मई 2013 को स्पीकर ने सीता सोरेन के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी