रांची : को-ऑपरेटिव बैंक के मैनेजर ने व्यावसायिक लोन को कृषि कर्ज बता कर केंद्र सरकार को धोखा दिया

रांची : को-ऑपरेटिव बैंक, हजारीबाग के तत्कालीन मैनेजर जीवेंद्र कुमार ने व्यावसायिक लोन को कृषि लोन बता कर केंद्र सरकार को धोखा दिया है. उन्होंने बुनकर सहयोग समितियों को आधारभूत संरचना के लिए दिये गये कर्ज को कृषि कर्ज बता कर भारत सरकार द्वारा घोषित कृषि कर्ज माफी योजना का लाभ लिया. 2008-09 में हुई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2019 1:04 AM
रांची : को-ऑपरेटिव बैंक, हजारीबाग के तत्कालीन मैनेजर जीवेंद्र कुमार ने व्यावसायिक लोन को कृषि लोन बता कर केंद्र सरकार को धोखा दिया है. उन्होंने बुनकर सहयोग समितियों को आधारभूत संरचना के लिए दिये गये कर्ज को कृषि कर्ज बता कर भारत सरकार द्वारा घोषित कृषि कर्ज माफी योजना का लाभ लिया.
2008-09 में हुई इस जालसाजी के पकड़ में आने के बाद जनवरी 2019 में संबंधित अफसर के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश जारी किया गया है.
संबंधित अफसर द्वारा जालसाजी करने की शिकायत मिलने के बाद विभाग ने जांच का आदेश दिया था. संयुक्त निबंधक (सहयोग समितियां) से शिकायत की जांच करायी गयी. जांच में पाया गया कि केंद्र सरकार ने मार्च 2007 तक वितरित किये गये कृषि कर्ज को माफ करने की योजना लागू की थी.
गलत तरीके से इस योजना का लाभ लेने के लिए जीवेंद्र कुमार ने फर्जी दस्तावेज तैयार किये और 69.13 लाख रुपये भारत सरकार द्वारा घोषित कृषि कर्ज माफी योजना के तहत ले लिया. जांच में पाया गया कि बैंक द्वारा छह बुनकर सहयोग समितियों को आधारभूत संरचना बनाने के लिए बैंक ने 27.07 लाख रुपये का कर्ज दिया था.
जिन समितियों को कर्ज दिया गया था, उनमें सोकला प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति, पुरबडीह बुनकर सहयोग समिति, बैतुलकला प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति, जॉगी प्राथमिकी बुनकर सहयोग समिति, बेगराई बेलाल नगर प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति और सिकनी प्राथमिकी बुनकर सहयोग समिति शामिल थी. इन समितियों को दिया गया कर्ज मार्च 2008 तक बढ़ कर 69.13 लाख हो गया था.
फर्जी दस्तावेज तैयार कर की गड़बड़ी
भारत सरकार द्वारा कर्ज माफी की घोषणा के बाद जीवेंद्र कुमार ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर समितियों को दिये गये कर्ज को कृषि कर्ज बताया. जांच अधिकारी ने रिपोर्ट में तत्कालीन मैनेजर की इस कार्रवाई को गबन, आपराधिक साजिश और तथ्यों को छिपा कर जालसाजी करने का मामला करार दिया है. जांच रिपोर्ट में वर्णित इन तथ्यों के मद्देनजर कृषि सहकारिता सचिव पूजा सिंघल ने विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया है.
सहयोग समितियों को दिये गये व्यावसायिक कर्ज का ब्योरा
बुनकर सहयोग समिति कर्ज (लाख में)
सोकला प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति 12.44
पुरबडीह बुनकर सहयोग समिति 5.50
बैतुलकला प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति 1.53
जॉगी प्राथमिकी बुनकर सहयोग समिति 0.72
बेगराई बेलाल नगर प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति 11.50
सिकनी प्राथमिकी बुनकर सहयोग समिति 1.44

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