मजदूर यूनियनों ने किया दावा, एक करोड़ से अधिक मजदूर शामिल होंगे आम हड़ताल में, आठ-नौ जनवरी को होगी हड़ताल

रांची : मजदूर यूनियनों ने दावा किया है कि आठ और नौ जनवरी को होनेवाली हड़ताल में एक करोड़ से अधिक मजदूर हिस्सा लेंगे. पहली बार स्कीम वर्कर भी हिस्सा लेंगे. यह जानकारी एटक महासचिव पीके गांगुली, सीटू महासचिव प्रकाश विप्लव व एक्टू के महासचिव शुभेंदू सेन ने राजधानी में आयोजित प्रेस सम्मेलन में दी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 5, 2019 12:06 AM
रांची : मजदूर यूनियनों ने दावा किया है कि आठ और नौ जनवरी को होनेवाली हड़ताल में एक करोड़ से अधिक मजदूर हिस्सा लेंगे. पहली बार स्कीम वर्कर भी हिस्सा लेंगे. यह जानकारी एटक महासचिव पीके गांगुली, सीटू महासचिव प्रकाश विप्लव व एक्टू के महासचिव शुभेंदू सेन ने राजधानी में आयोजित प्रेस सम्मेलन में दी.
नेताओं ने कहा कि 28 सितंबर को दिल्ली में आयोजित कन्वेंशन में भारतीय मजदूर संघ को छोड़ अन्य यूनियनों ने आठ और नौ जनवरी को हड़ताल करने का निर्णय लिया था. 2015 और 2016 में भी मजदूर यूनियनों ने हड़ताल की थी. इसके बावजूद सरकार सुन नहीं रही है. 12 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन हो रहा है.
सरकार मेकन, एचइसी, कोल इंडिया आदि पब्लिक सेक्टर को बेचना चाहती है, जबकि मजदूर इसे बचाना चाहते हैं. सरकार ने श्रम कानून में सुधार कर काम के घंटे को आठ से बढ़ा कर 12 घंटे कर दिया है. पेंशन बंद कर दी गयी है. अब सरकार फिक्स टर्म इम्प्लाॅयमेंट लाने जा रही है. इससे दो-तीन माह के लिए काम मिल सकेगा. इससे संबंधित बिल को बजट में पारित कर मजदूरों के साथ धोखा किया गया है.
श्री विप्लव ने कहा कि हड़ताल की सफलता के लिए पूरे राज्य में दर्जनों कन्वेंशन किये गये. पहली बार टाटा में आंदोलन का असर दिखेगा. बोकारो में भी व्यापक हड़ताल होगी. कोयला उद्योग पूरी तरह ठप रहेगा. वर्तमान सरकार के कार्यकाल में संगठित मजदूर से ज्यादा पीड़ित असंगठित मजदूर हैं. इनकाे सामान काम के बदले समान वेतन नहीं मिल रहा है.

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