रांची : झारखंड के जलाशयों का बनेगा एक्शन प्लान

मनोज सिंह, रांची : भारत सरकार के नेशनल वाटर मिशन के तहत झारखंड के जलाशयों का भी एक्शन प्लान तैयार होगा. जल संधान, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ने इससे संबंधित आदेश राज्य सरकार को दिया है. सभी राज्यों से स्टेट एक्शन प्लान तैयार कर एक राष्ट्रीय स्तर की योजना तैयार की जायेगी. इसके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 25, 2018 2:15 AM
मनोज सिंह, रांची : भारत सरकार के नेशनल वाटर मिशन के तहत झारखंड के जलाशयों का भी एक्शन प्लान तैयार होगा. जल संधान, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ने इससे संबंधित आदेश राज्य सरकार को दिया है. सभी राज्यों से स्टेट एक्शन प्लान तैयार कर एक राष्ट्रीय स्तर की योजना तैयार की जायेगी.
इसके लिए भारत सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की को नोडल एजेंसी बनाया है. झारखंड में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा तैयार किये जा रहे स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज में लिंक किया जायेगा.
ज्य में जल संसाधन विभाग जलाशयों के लिए एक्शन प्लान तैयार करेगा. इसके लिए एक साल की अवधि तय की गयी है. झारखंड में आइआइटी धनबाद को नोडल एजेंसी बनाया गया है. एक्शन प्लान में राज्य में जल संसाधन, विकास एवं प्रबंधन के वर्तमान परिदृश्य को एक्शन रिपोर्ट में शामिल करना है. जल प्रक्षेत्र की कठिनाइयों के निराकरण के लिए संभावित निदान खोजा जायेगा. नेशनल वाटर कार्य, रणनीति के क्रियान्वयन के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की जायेगी.
स्टेयरिंग कमेटी का किया जायेगा गठन
स्टेट एक्शन प्लान स्टेयरिंग कमेटी का गठन भी किया जायेगा. झारखंड सरकार के मुख्य सचिव इसके अध्यक्ष होंगे. जल संसाधन विभाग, वित्त, वन एवं पर्यावरण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता, कृषि एवं पशुपालन, नगर विकास, खान, ऊर्जा एवं उद्योग विभाग के सचिव सदस्य होंगे. इसके अतिरिक्त जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख, आइआइटी धनबाद के नामित सदस्य, मुख्य अभियंता योजना एवं मॉनिटरिंग, अधीक्षण अभियंता गेट रूपांकन, निदेशक भूगर्भ जल निदेशालय, निदेशक केंद्रीय जल आयोग, निदेशक आइएमडी, निदेशक नाबार्ड व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नामित पदाधिकारी इसके सदस्य होंगे.
एनआइएच के साथ होगा एमओयू
झारखंड सरकार राज्य स्तरीय एक्शन प्लान बनाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआइएच) से एमओयू करेगी. एक्शन प्लान तैयार करने के लिए भारत सरकार झारखंड को 50 लाख रुपये देगी. विभाग को छह माह के अंदर स्टेट रिपोर्ट, उपलब्धता, विकास और प्रबंधन की योजना तैयार कर लेनी है. इसके लिए 40 फीसदी राशि आवंटित की जायेगी. नौ माह में अंतरिम रिपोर्ट जमा करनी है. अगले तीन माह के अंदर पूर्ण रिपोर्ट देनी होगी.

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