अनगड़ा की पशु सखी बलमदीना तिर्की को मिला झारखंड सम्मान

रांची : झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह में अनगड़ा (गेतलसूद) की पशु सखी बलमदीना तिर्की को झारखंड सम्मान से सम्मानित किया गया. बलमदीना अपने गांव और पंचायत में डॉक्टर दीदी के नाम से जानी जाती हैं. पशु सखी के तौर पर उन्होंने काफी बेहतर कार्य किया है, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 16, 2018 2:24 AM
रांची : झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह में अनगड़ा (गेतलसूद) की पशु सखी बलमदीना तिर्की को झारखंड सम्मान से सम्मानित किया गया. बलमदीना अपने गांव और पंचायत में डॉक्टर दीदी के नाम से जानी जाती हैं. पशु सखी के तौर पर उन्होंने काफी बेहतर कार्य किया है, जिससे इलाके में पशु मृत्यु दर में काफी कमी आयी है.
जूही महिला समूह से शुरू हुआ सफर : रांची जिले के अनगड़ा के सुदूर गांव गेतलसूद की रहनेवाली पांचवीं पास बलमदीना के पास पहले कोई रोजगार नहीं था. पति वाहन चालक हैं. बलमदीना के दो बच्चे जब बड़े हुए, तो पति की कमाई से घर चलाना मुश्किल था. इस बीच साल 2012 में बलमदीना जूही महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ गयीं.
समूह से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी में बदलाव का दौर शुरू हो गया. समूह से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने लगीं. प्रशिक्षण पाने के बाद बलमदीना का आत्मविश्वास बढ़ा और आजीविका पशु सखी के तौर पर उनका चयन किया गया. पशु सखी के तौर पर बेहतर कार्य करते हुए बलमदीना ने स्कूटी खरीदी और गांव-गांव घूम-घूम कर पशुधन की सेवाएं देने लगीं.
डॉक्टर दीदी के नाम से मशहूर बलमदीना पारा वेटनरी कैडर के रूप में पहचान बना चुकी हैं. अब बिहार की ग्रामीण महिलाओं को भी पशु सखी बनाने का जिम्मा झारखंड को सौंपा गया है. बलमदीना जैसी सैंकड़ों पशु सखी बिहार जाकर अपनी सेवाएं दे रही हैं.
इतनी सफलता मिलेगी, विश्वास नहीं था : बलमदीना तिर्की : झारखंड सम्मान से सम्मानित बलमदीना तिर्की ने झारखंड सरकार और जेएसएलपीएस के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पशु सखी के तौर पर कार्य शुरू किया था, तब इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस काम के लिए उन्हें झारखंड सम्मान से सम्मानित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि काफी मेहनत करके उन्होंने यह सफलता हासिल की है.

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