झारखंड में दल बदल कर अपना राजनीतिक भविष्य तलाशने में जुटे हैं नेता

रांची : लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में गहमागहमी शुरू हो गयी है. नेताओं को चुनाव की चिंता सताने लगी है. राजनीति उठा-पटक शुरू है. राजनीतिक समीकरण के साथ नेता भी अपना पाला बदल रहे है़ं दल बदल कर राजनीतिक भविष्य तलाश रहे हैं. यही वजह है कि साढ़े तीन साल तक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 16, 2018 7:23 AM
रांची : लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में गहमागहमी शुरू हो गयी है. नेताओं को चुनाव की चिंता सताने लगी है. राजनीति उठा-पटक शुरू है. राजनीतिक समीकरण के साथ नेता भी अपना पाला बदल रहे है़ं दल बदल कर राजनीतिक भविष्य तलाश रहे हैं.
यही वजह है कि साढ़े तीन साल तक एनडीए का साथ देने वाली जय भारत समानता पार्टी की विधायक गीता कोड़ा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. इससे पहले तक वे लगातार एनडीए की बैठकों में शामिल होती रहीं. इस दौरान हुए दो राज्यसभा चुनाव में भी एनडीए का साथ दिया़ अब कांग्रेस का दामन थाम कर सरकार के खिलाफ खड़ी हैं.
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि गीता कोड़ा चाईबासा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं. वह इस सीट पर यूपीए फोल्डर के सहारे चुनावी नैया पार करना चाहती है़ं उधर, कोलेबिरा विधायक एनोस एक्का भी राज्यसभा चुनाव में एनडीए के साथ रहे. हत्या के एक मामले में जब उनकी सदस्यता खत्म हो गयी, तो वे अपनी पत्नी मेनन एक्का को चुनाव मैदान में उतारना चाहते हैं.
कोलेबिरा उप चुनाव को लेकर एनडीए व यूपीए की ओर से मेनन एक्का को उम्मीदवार बनाने की बात चर्चा में आयी, लेकिन उनकी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया कि मेनन एक्का झापा से चुनाव लड़ेंगी. झापा ने भाजपा को दरकिनार कर यूपीए से समर्थन मांगा है़ यूपीए फोल्डर के झाविमो की कोशिश है कि मेनन एक्का का समर्थन कर दिया जाये़ हालांकि कांग्रेस-झामुमो इस मामले में चुप्पी साधे हुए है़ यूपीए खेमा के कुछ दलों की दलील है कि एनोस का समर्थन कर कोलेबिरा के सहारे खूंटी पर निशाना साधा जाये़ खूंटी में एनोस एक्का की मदद ली जाये़
पार्टियों के बड़े नेता भी ताक में, बदल सकते हैं पाला
इधर, पलामू प्रमंडल के एक नेता ने विपक्षी खेमा में रहते हुए लगातार एनडीए का साथ दिया है. अब चर्चा है कि वे चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ेंगे. संताल परगना में भाजपा के एक कद्दावर नेता के फिर से झामुमो में शामिल होने की बात चल रही है. आने वाले समय में इधर-उधर जाने का खेल चलेगा़ भाजपा और विपक्षी खेमा बड़े नेताओं को अपने पाले में कर बाजी मारने के चक्कर में है़.

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