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स्थापना दिवसः बीएयू में शिक्षकों की कमी गुणात्मक शिक्षा को प्रभावित कर रही है

बिरसा कृषि विवि (बीएयू)ने अपने 38 साल के सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. विवि में छात्र तो हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी से इस विवि के गुणात्मक शिक्षा पर प्रभाव पड़ा है. जेपीएससी के पास नियुक्ति प्रक्रिया विचारधीन है. वहीं इस विवि के विद्यार्थियों को यथोचित रोजगार नहीं मिल पा रहा है. हालांकि वर्तमान […]

बिरसा कृषि विवि (बीएयू)ने अपने 38 साल के सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. विवि में छात्र तो हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी से इस विवि के गुणात्मक शिक्षा पर प्रभाव पड़ा है. जेपीएससी के पास नियुक्ति प्रक्रिया विचारधीन है. वहीं इस विवि के विद्यार्थियों को यथोचित रोजगार नहीं मिल पा रहा है. हालांकि वर्तमान कुलपति इस अोर प्रयासरत हैं. इस विवि के पास आरंभ में एग्रीकल्चर कॉलेज, वेटनरी कॉलेज अौर फॉरेस्ट्री कॉलेज थे. अब इस विवि के अंतर्गत पांच अौर नये कॉलेज खुल गये. इनमें एग्रीकल्चर कॉलेज, गढवा, रवींद्रनाथ टैगोर एग्रीकल्चर कॉलेज, देवघर, तिलका मांझी एग्रीकल्चर कॉलेज, गोड्डा, कॉलेज ऑफ डेयरी टेक्नोलॉजी हंसडीहा अौर कॉलेज ऑफ फिशरीज टेक्नोलॉजी, गुमला शामिल हैं. इसी प्रकार कृषि, वेटनरी और वानिकी कॉलेज में स्नातक की पूर्व की 116 सीटें बढ़ाकर 190 सीटें कर दी गयी हैं.

किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रयास विवि के वैज्ञानिकों द्वारा भारतीय लाख अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के सहयोग से वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए रोड मेप का ड्राफ्ट तैयार किया गया. आइसीएआर परियोजनाओं के जनजातीय उपयोजना के अधीन जनजातीय बहुल गांवों में जनजातीय किसानों को प्रशिक्षण, अग्र पंक्ति प्रत्यक्षण एवं तकनीकी हंस्तांतरण के कार्यक्रम शुरू किये गये हैं. किसानों के लिए कम लागत में विद्यार्थियों ने उपकरण बनाये.
वैज्ञानिकों ने बीज की नयी किस्म तैयार की है
वहीं वैज्ञानिकों ने बीज की नयी किस्म तैयार की है. फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम के तहत रांची जिले के चिपरा और कुदलोंग गांव में 1000 से अधिक किसानों की भागीदारी से कृषि आय के लिए प्रौद्योगिकी एकीकरण पर कार्य किया गया. युवाअों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं. अब तक केवीके के ट्रेनिंग प्रोग्राम में 67,313 ग्रामीण युवा, किसान और 8,553 विस्तार कार्यकर्ताओं ने भाग लिया है. बीज उत्पादन कार्यक्रम में केवीके ने आधार बीज का उत्पादन के तहत अनाज के 1968.762 क्विंटल, दालों के 61.43 क्विंटल एवं तेलहनी फसल के 129.25 क्विंटल बीज तथा प्रमाणति बीज का उत्पादन के तहत अनाज के 2,31,457 क्विंटल, दाल के 8220.3 क्विंटल और तिलहन के 1252 क्विंटल बीज का उत्पादन किया है.
बीज हब कार्यक्रम
बीज हब कार्यक्रम में दाल और तिलहन की 1,325 क्विंटल बेहतर किस्मों के प्रमाणति बीज और आधार बीज का उत्पादन किया. 21,192 मिट्टी के नमूनों का परीक्षण में 1,639 गांवों को कवर किया गया तथा किसानों के बीच 18,909 मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये. विवि में आइसीएआर के सहयोग से एकेडमिक प्रबंधन प्रणाली की त्रिस्तरीय वेब डिजाइन आधारित व्यवस्था, समेकित वित्त प्रबंधन पद्धति को लागू किया गया.

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