रांची :मदरसों व संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों को पेंशन नहीं

झारखंड कैबिनेट ने रद्द किया संकल्प रांची :राज्य सरकार ने 186 प्रस्वीकृत गैर सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों व गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों की तरह पेंशन देने से संबंधित संकल्प रद्द करने का फैसला किया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 20, 2018 8:21 AM
झारखंड कैबिनेट ने रद्द किया संकल्प
रांची :राज्य सरकार ने 186 प्रस्वीकृत गैर सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों व गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों की तरह पेंशन देने से संबंधित संकल्प रद्द करने का फैसला किया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी.
अक्तूबर 2014 में तत्कालीन हेमंत सोरेन सरकार ने मदरसा और संस्कृत विद्यालय के शिक्षकों व गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को पेंशन की स्वीकृति प्रदान की थी. हालांकि, अब तक इसका क्रियान्वयन नहीं हो सका था. अब हाइकोर्ट के आदेश पर कार्यवाही करते हुए कैबिनेट ने मदरसा और संस्कृत विद्यालय के शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को पेंशन देने से संबंधित संकल्प रद्द करने पर सहमति दे दी.
स्पेशल इकोनॉमिक जोन भी निरस्त करने पर सहमति : कैबिनेट ने वर्ष 2003 में बनायी गयी स्पेशल इकोनॉमिक जोन पॉलिसी को निरस्त कर दिया है.
वहीं, भारत सरकार की नियमावली अंगीकृत करने पर सहमति दी. यह पॉलिसी निवेश और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बनायी थी. भारत सरकार ने भी 2005 में इससे संबंधित पॉलिसी तैयार की थी. 2006 में इसकी नियमावली लागू की गयी थी.
सीडीपीओ नियुक्ति में साक्षात्कार की बाध्यता समाप्त : कैबिनेट ने झारखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सेवा संवर्ग (भर्ती, प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शर्त) नियमावली, 2018 को भी मंजूरी प्रदान कर दी. इसके तहत सीडीपीओ के 75 फीसदी पदों को सीधी नियुक्ति के जरिये भरा जायेगा. इसमें 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. शेष 25 फीसदी पद महिला पर्यवेक्षिकाओं को प्रोन्नति देकर भरे जायेंगे.
नियमावली में सीडीपीओ की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. 250 नंबर की लिखित परीक्षा के जरिये सीडीपीओ के पद भरे जायेंगे.
छह अति पिछड़े जिलों के लिए हर साल 50 करोड़ : कैबिनेट ने राज्य योजना के तहत चयनित खूंटी, गुमला, पश्चिम सिंहभूम, पाकुड़, साहेबगंज व सिमडेगा समेत कुल छह अति पिछड़े जिलों के विकास के लिए अगले तीन वर्षों (2020-21 तक) में 900 करोड़ रुपये खर्च करने पर स्वीकृति दी है.
चालू वित्तीय वर्ष में कुल 300 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. सभी चयनित जिलों को 50 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष दिये जायेंगे. इस राशि से उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी योजना बना कर लागू करेगी. जिलों के पिछड़े प्रखंडों में क्षेत्र निर्धारण कर स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, गरीबी उन्मूलन, सिंचाई, कृषि, रोजगार सृजन, कौशल विकास आधारभूत संरचना इत्यादि के क्षेत्र में काम किये जायेंगे.
कोडरमा में खुलेगा विश्वविद्यालय
कैबिनेट ने कोडरमा में विश्वविद्यालय खोलने के लिए अध्यादेश को अनुमोदित किया है. कोडरमा में चौधरी चरण सिंह एडुकेशनल सोसाइटी ने कैपिटल विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव दिया था. कैबिनेट ने इसके लिए कैपिटल विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2018 के अनुमोदन पर सहमति प्रदान की. इसके अलावा रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन (आरकेडीएफ) विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2018 के अनुमोदन की स्वीकृति भी प्रदान की है.
अन्य फैसले
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वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए रामगढ़ जिला के गोला स्थित आईटीआई भवन में मिनी टूल रूम संचालन के लिए अनुदान की राशि के बजट शीर्ष में आंशिक संशोधन की स्वीकृति
नेतरहाट में स्थित शैले हाउस पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग को हस्तांतरित होगा
श्रावणी मेला 2018 के मद्देनजर 15 जुलाई से 25 अगस्त तक 23 अस्थायी मेला ओपी व 14 अस्थायी यातायात ओपी के गठन की स्वीकृति
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गोड्डा में समाहरणालय भवन के निर्माण के 38.35 करोड़ और गिरिडीह में समाहरणालय भवन के निर्माण के लिए 35.54 करोड़ की योजनाओं पर सहमति
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