रांची : माता अपने बच्चों की पहली गुरु होती हैं. यदि प्रत्येक माता सुनीति के समान होंगी, तो ध्रुव के समान दृढ़ प्रतिष्ठा, सुसंस्कारित, कर्मनिष्ठ व राष्ट्रनिष्ठ बालकों का उदय होगा. राजा और प्रजा दोनों नीति पर चलेंगे, तभी राज्य में सुख, शांति और समृद्धि आयेगी. यह बातें श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने कही. वह शनिवार को दिव्य श्रीमद्भागवत कथा भक्ति महोत्सव के दूसरे दिन श्रद्धालुअों को संबोधित कर रहे थे.
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अपने बच्चों की पहली गुरु होती हैं मां
रांची : माता अपने बच्चों की पहली गुरु होती हैं. यदि प्रत्येक माता सुनीति के समान होंगी, तो ध्रुव के समान दृढ़ प्रतिष्ठा, सुसंस्कारित, कर्मनिष्ठ व राष्ट्रनिष्ठ बालकों का उदय होगा. राजा और प्रजा दोनों नीति पर चलेंगे, तभी राज्य में सुख, शांति और समृद्धि आयेगी. यह बातें श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने कही. वह […]
श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर समिति के तत्वावधान में श्रीस्वामी भगवानदास सत्संग हॉल में भक्ति महोत्सव का आयोजन किया गया है. श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज ने ध्रुव चरित्र, पृथु चरित्र और जड़ भरत के चरित्र की तात्विक विवेचना की. जड़ भरत की कथा के माध्यम से श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य ने यह समझाने का प्रयास किया कि सांसारिक अशांति के कारण ही मनुष्य संसार के कालचक्र में घूमता रहता है. यदि मनुष्य अपनी आशक्ति भगवान के श्रीचरणों में लगा दे,
तो उसे सहज मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. राजा पृथु के जीवन चरित्र पर भी प्रकाश डाला. ध्रुव चरित्र के माध्यम से यह बताया कि भगवान श्रीमन नारायण का अबलंबन लेने से इहलौकिक व पारलौकिक दोनों तरह के सुख की प्राप्ति होती है.
उन्होंने कहा कि भागवत पुराण के प्रथम स्कंद में यह बताया गया है कि भागवत कथा सुनने का अधिकारी कौन है. श्रीमद्भागवत के दूसरे स्कंद को साधन स्कंद कहा गया है. इस स्कंद में जगत नियंता भगवान श्रीमन्नारायण ने ब्रह्माजी को प्रकट किया. उन्हें चतुश्लोकी भागवत का उपदेश देकर संसार की सृष्टि करने का आदेश दिया. इससे पूर्व कथा की शुरुआत श्रीमद्भागवत महापुराण व व्यास-पीठ पर विराजमान जगदगुरु रामानुजाचार्य श्रीस्वामी अनिरूद्धाचार्यजी महाराज के पूजन से हुआ.
श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य यजमान अशोक कुमार राजगड़िया व उनकी धर्मपत्नी राजदेवी राजगड़िया ने श्रीमद्भागवत महापुराण और शुकदेव रूपी श्रीस्वामी अनिरूद्धाचार्यजी का विधिवत पूजन किया. पुष्पमाला अर्पित की और आरती उतारी गयी. दैनिक यजमान डॉ सुभाष-सुरभि पोद्दार ने भी आरती उतारी. कथा समाप्ति के बाद उपस्थित सभी लोगों ने श्रीमद्भागवत महापुराण और श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज की आरती उतारी. इस अवसर पर राम अवतार नारसरिया, गोपाल लाल चौधरी,
अश्विनी राजगड़िया, विनय धरनीधरका, सुशील लोहिया, उदय राठौर, घनश्याम दास शर्मा, एन रामास्वामी, रंजन सिंह, प्रदीप नारसरिया, जगमोहन नारसरिया, अनूप अग्रवाल, गौरी शंकर साबू, रामवृक्ष साहू सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.
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