Advertisement
रिम्स निदेशक ने किया औचक निरीक्षण, गायब मिले कर्मचारी, की बहानेबाजी, कोई पेट दर्द से परेशान तो कोई सिर दर्द से
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग व रिम्स प्रबंधन भले लाख प्रयास करे, लेकिन कर्मचारी हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. जबकि कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव बीके सिंह ने बैठक […]
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग व रिम्स प्रबंधन भले लाख प्रयास करे, लेकिन कर्मचारी हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.
जबकि कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव बीके सिंह ने बैठक की थी. उन्होंने कहा था कि कर्मचारी अगर कार्य स्थल पर समय से
मौजूद रहें तो 50 फीसदी समस्या का समाधान होजायेगा. लेकिन दूसरी तरफ 16 घंटे बाद ही यानी शनिवार को कई विभाग के कर्मचारी अपने ड्यूटी से गायब थे. इस बीच कर्मचारियों को जैसे ही निदेशक के आने की जानकारी मिली, सभी कर्मचारी बहाना बना कर एक-एक कर निदेशक कार्यालय पहुंचने लगे. कोई पेट में दर्द, तो कोई सिर में दर्द की शिकायत का आवेदन लेकर पहुंचा था
रांची : दिन: शनिवार. समय: सुबह 9:30 बजे. रिम्स निदेशक ने निरीक्षण करना शुरू किया. सबसे पहले ब्लड बैंक गये, जहां कर्मचारी गायब थे. उन्होंने ड्यूटी रोस्टर को मंगाकर गायब कर्मचारियों की हाजिरी काट दी और रजिस्टर साथ चल रहे कर्मचारियों को दे दिया. इसके बाद जन औषधि सेंटर पहुंचे. लेकिन वह बंद था. मरीज दवा के इंतजार में खड़े थे.
यह सब देख निदेशक आग बबूला हो उठे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के माध्यम से लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया कराने चाहते हैं, लेकिन हमारे कर्मचारी ही इस अभियान में उदासीनता बरत रहे हैं.
यही हाल फिजियोथेरेपी विभाग का भी था. यहां भी कर्मचारी ड्यूटी से गायब मिले. उनकी हाजिरी काटने के बाद ड्यूटी रजिस्टर साथ लेकर चले गये. खबर मिलने पर जन औषधि के कर्मचारी वहां पहुंचे. वह आवदेन लेकर आये थे, जिसमें उन्होंने सिर में दर्द होने का कारण बताते हुए लेट होने की बात कही थी. वहीं अन्य कर्मचारी भी अावेदन लेकर पहुंच रहे थे. निदेशक के साथ पीएचइडी, पीडब्ल्यूडी व विद्युत विभाग के अभियंता व अधिकारी-मौजूद थे.
एक दिन का कटेगा वेतन : अनुपस्थित कर्मचारी अपने साथ छुट्टी का आवेदन लेकर निदेशक से हस्ताक्षर कराने आये थे. लेकिन निदेशक ने यह कहते हुए आवेदन लौटा दिया कि किसी भी हाल में छुट्टी नहीं मिलेगी. अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जायेगा.
पंखा लगाने का निर्देश : निरीक्षण के दौरान निदेशक ने रैन बसेरा व ओपीडी हॉल का भी भ्रमण किया. उन्होंने वहां की स्थिति देखने के बाद विद्युत विभाग के इंजीनियर को पंखा लगाने का निर्देश दिया. एक सप्ताह के अंदर खराब पंखे को बदलने या दुरुस्त करने को कहा.
वार्ड में राउंड द क्लॉक रहेंगे ड्यूटी डॉक्टर
रांची़ जूनियर डॉक्टर व नर्सों की हड़ताल के बाद रिम्स की खराब छवि को सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग व रिम्स प्रबंधन हर संभव कोशिश कर रहा है. चिकित्सा व्यवस्था कैसे बेहतर हो, इसके लिए उपाय ढूढें जा रहे हैं. कभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, तो कभी रिम्स प्रबंधन जूनियर डॉक्टरों व नर्सों के साथ बैठक कर रहे हैं.
इसी कड़ी में शनिवार को रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जूनियर डॉक्टर व नर्सों की बैठक हुई. रिम्स निदेशक ने कहा कि वार्ड में हर हाल में ड्यूटी डाॅक्टर तैनात रहें. रोस्टर के हिसाब राउंड द क्लॉक पीजी डॉक्टर व इंटर्न के रहने से समस्या नहीं होगी.
नर्सेस एसोसिएशन को वार्ड में नर्सों के उपलब्ध रहने व कार्यप्रणाली में सुधार लाने को कहा गया. निदेशक ने कहा कि बैठके में जो भी निर्णय हुआ है उसका आकलन 15 दिनों के बाद किया जायेगा. खा जायेगा कि जूनियर डाॅक्टर एसोसिएशन व नर्सेस संघ ने जो आश्वसन दिया है उसके हिसाब से वे सभी कार्य कर रहे हैं या नहीं. रिम्स प्रबंधन समय-समय पर औचक निरीक्षण कर यह जायजा लेगा कि वार्ड में ड्यूटी डाॅक्टर तैनात हैं या नहीं. बैठक में प्रभारी अधीक्षक डॉ विद्यासागर, उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार व सभी विभागाध्यक्ष माैजूद थे.
एक साल के बजाय छह माह हो सकती है डोनर कार्ड की वैधता
रांची़ : स्वैच्छिक रक्तदान करने के बाद डोनर कार्ड से खून लेने वाले लोगों की संख्या रिम्स के ब्लड बैंक में बढ़ती जा रही है. इस कारण ब्लड बैंक का स्टॉक कम हो गया है. शनिवार काे स्थिति यह थी कि मात्र 37 यूनिट पॉजिटिव व 11 यूनिट निगेटिव खून ही बचा था. ऐसे में हालात को देखते हुए माना जा रहा है कि पर्याप्त स्टाॅक बनाये रखने के लिए रिम्स द्वारा दिये जाने वाले डोनर कार्ड की वैधता कम की जा सकती है.
अभी तक डोनर कार्ड की वैधता एक साल है, जो आगामी दिनों में छह माह की हो सकती है. प्रबंधन का कहना है कि रक्तदान करने के बाद खून लेने की परंपरा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि मंदिर में दान करने के बाद कोई पैसा नहीं मांगने नहीं जाता है. ब्लड बैंक में रक्तदान करने के बाद ऐसा ही होना चाहिए, लेकिन रिम्स में ऐसा नहीं हो रहा है. शनिवार को रिम्स ब्लड बैंक में खून की कमी की समस्या को लेकर इंचार्ज डॉ एके श्रीवास्तव ने रिम्स निदेशक से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि नि:शुल्क खून देने की संख्या बढ़ गयी है. इससे परेशानी बढ़ रही है. रिम्स के साथ-साथ निजी अस्पतालाें में भर्ती मरीज के परिजन भी खून के लिए रिम्स पहुंच जाते हैं.
खून के लिए परेशान थे मरीज : निरीक्षण के दौरान रिम्स निदेशक जब ब्लड बैंक जा रहे थे, तो कुछ लोगों ने उनसे खून दिलाने का आग्रह किया. कहा कि वह खून के लिए परेशान हैं. उन्हें खून देने वाला कोई भी नहीं है. इसके बाद निदेशक ने ब्लड बैंक के इंचार्ज को किसी तरह मरीज के परिजन को खून दिलाने के लिए कहा.
रिम्स में मौत की शिकायत दर्ज करानेवाले को पुलिस ने भेजा नोटिस
इधर, रिम्स में हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की हुई मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए जूनियर डॉक्टर और नर्स के खिलाफ कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराने वाले छात्र नेता शमीम अली को बरियातू पुलिस ने नोटिस भेजा है. मामले में उन्हें 10 जून को उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. उल्लेखनीय है कि शमीम अली ने कोतवाली थाना में चार जून को लिखित शिकायत दर्ज करायी थी. लेकिन मामले में शिकायतकर्ता से पक्ष लेकर आगे की कार्रवाई के लिए बरियातू थाना को सौंप दिया गया था.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement