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रांची : ग्रामीण सड़क की फंसी योजनाओं को पूरा कराने पर हो रहा है विचार
रांची : राज्य के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में अधूरी पड़ी ग्रामीण सड़क की योजनाअों को पूरा कराने पर विचार किया जा रहा है. इसके तहत यह सर्वे कराया जायेगा कि कितनी सड़कों का काम फंसा है. सड़कें किस स्टेज में फंसी हुई है. इसके सर्वे के बाद इसकी सूची तैयार करायी जायेगी. फिर मौजूदा स्थिति […]
रांची : राज्य के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में अधूरी पड़ी ग्रामीण सड़क की योजनाअों को पूरा कराने पर विचार किया जा रहा है. इसके तहत यह सर्वे कराया जायेगा कि कितनी सड़कों का काम फंसा है. सड़कें किस स्टेज में फंसी हुई है. इसके सर्वे के बाद इसकी सूची तैयार करायी जायेगी. फिर मौजूदा स्थिति के साथ उन सड़कों पर आनेवाले खर्च का आकलन कराया जायेगा. इसके बाद कार्रवाई की जायेगी.
1000 से ज्यादा योजनाएं हैं फंसी : जानकारी के मुताबिक राज्य के विभिन्न उग्रवाद प्रभावित इलाकों में एक हजार से ज्यादा योजनाएं अधूरी लटकी हुई है.
इन सड़क योजनाअों को स्वीकृति दे दी गयी थी. टेंडर के बाद इस पर काम भी शुरू हो गया था. ठेकेदारों ने काम किया, लेकिन योजनाअों को अधूरा छोड़ दिया. काम अधूरा छोड़ने का कारण उग्रवाद बताया गया. कई योजनाअों को लेकर ठेकेदारों ने धमकी दी थी. वहीं कुछ योजनाअों को लेकर उग्रवादियों ने हमला भी किया था. इसके बाद ही ठेकेदारों ने काम छोड़ दिया था.
2007-08 की भी योजनाएं पूरी नहीं हुई
सड़क निर्माण का विभाग ने एक बार आकलन कराया, तो पाया कि वर्ष 2007-08 की भी योजनाएं पूरी नहीं हुई है. यानी 10 साल से सड़क योजनाएं अधूरी है. उन पर काम शुरू नहीं हो सका है. न ही नये सिरे से उस पर कुछ किया जा सका है. इस वजह से ठेकेदार व विभाग दोनों इसमें फंसे हुए हैं.
लोगों को हो रही है दिक्कत
सड़क योजनाएं अधूरी रहने से लोगों को दिक्कत हो रही है. राहगीरों को आज भी आने-जाने में कठिनाई हो रही है. इन अधूरी सड़कों को पूरा कराने की दिशा में अभी तक कुछ नहीं किया जा सका है. एक बार विभाग ने इसका आकलन भी कराया, लेकिन इस पर काम नहीं हो सका.
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