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मातृभूमि व मातृभाषा का सम्मान हमारा कर्तव्य

हरमू मैदान में विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में पहुंचीं राज्यपाल, कहा रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महाकवि विद्यापति न केवल मिथिला बल्कि पूरे विश्व के महान कवियों में से एक थे. उन्होंने अपनी संस्कृति एवं भाषा के प्रति आदर और प्रेम का संदेश दिया. विद्यापति दो शब्दों के योग से बना है. […]

हरमू मैदान में विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में पहुंचीं राज्यपाल, कहा

रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महाकवि विद्यापति न केवल मिथिला बल्कि पूरे विश्व के महान कवियों में से एक थे. उन्होंने अपनी संस्कृति एवं भाषा के प्रति आदर और प्रेम का संदेश दिया. विद्यापति दो शब्दों के योग से बना है. विद्या का अर्थ है ज्ञान व पति का अर्थ स्वामी अर्थात ज्ञान के स्वामी. उक्त बातें उन्होंने शनिवार को हरमू मैदान में विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में कही. राज्यपाल ने कहा महाकवि ने मिथिला के लोगों को देसिल बयना सबजन मिट्ठा का सूत्र देकर उत्तरी बिहार में लोकभाषा की जन चेतना को जीवित करने की महती कोशिश की. यह विद्यापति की अपनी संस्कृति एवं भाषा के प्रति प्रेम एवं सम्मान को दर्शाता है.
उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है. अगर हम अपनी संस्कृति को, अपनी भाषाा को भूल जायेंगे, तो हमारी पहचान मिट जायेगी. उनकी रचनाओं को जितनी बार भी सुना जाये, वह हमेशा नयी लगती है. राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान की बात हो या अन्य क्षेत्र, मिथिला के लोग अपनी प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ते हैं. मैथिली समाज के लोगों की उपस्थिति हर क्षेत्र में है. मैथिली भाषा इतनी मधुर है कि यह लोगों को आकर्षित करती है. इस अवसर पर डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, विदेह पुरस्कार से सम्मानित प्रो सुभाष चंद्र यादव, अरुण झा, संतोष मिश्रा, अभय झा, प्रेमचंद्र झा, संतोष झा सहित अन्य उपस्थित थे.
सांस्कृतिक कार्यक्रम में झूमे लाेग
सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक गीत प्रस्तुत किया. जिसे सुन कर दर्शक झूम उठे. कुंज बिहार मिश्र ने गोसाउनी गीत गाया. इसके बाद कलाकारों ने स्वागत गीत मंगल दिन आजू है पाहुल छैथ आयल …. ,
स्थानीय गायक बबीता झा ने स्वर्ण से सुंदर मिथिला धाम…., विद्यापति गीत पिया मोरा बालक हम तरूनी गे….
कुमकुम मिश्रा ने सीता जी द्वारा भगवान राम को लिखे गये पत्र का उल्लेख करते हुए गीत गाया. उन्होंने चार पांती सुनू राम के नाम सं पत्र लिखबेन …, नीलू मिश्रा ने शिव भेलखिन उमा के….. गीत प्रस्तुत किया.
लोगों ने आनंद मेला
का उठाया लुत्फ
कार्यक्रम में आये लोगों ने मेला का जमकर लुत्फ उठाया. लोगों ने मिथिला के पारंपरिक व्यंजन माछ-भात, चूड़ा-माछ का आनंद लिया. वहीं मैथिली पुस्तक मेला में पारंपरिक कला, साहित्य एवं संस्कृति, गीत एवं संगीत से संबंधित पुस्तक, पेंटिंग, कोहबर, ऑडियो-वीडियो सीडी, पाग, डोपटा, सिक्की-मोनी की खरीदारी की.

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