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स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कहा, बंगाल जानेवाले मरीजों पर रखी जायेगी नजर
रांची : स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने बंगाल से सटे झारखंड के चार जिलों के सिविल सर्जनों (सीएस) को निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर से बंगाल में झारखंड के मरीजों की नो इंट्री के मामले की मॉनिटरिंग करें. संतालपरगना प्रमंडल के साहेबगंज, पाकुड़, दुमका व गोड्डा के सिविल सर्जनों से कहा गया है […]
रांची : स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने बंगाल से सटे झारखंड के चार जिलों के सिविल सर्जनों (सीएस) को निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर से बंगाल में झारखंड के मरीजों की नो इंट्री के मामले की मॉनिटरिंग करें. संतालपरगना प्रमंडल के साहेबगंज, पाकुड़, दुमका व गोड्डा के सिविल सर्जनों से कहा गया है कि वे देखें कि उनके जिले के किस-किस इलाके से मरीज प. बंगाल के अस्पतालों में जाते हैं.
मरीजों के इलाज के संबंध में भी उनसे जानकारी रखने को कहा गया है कि कहीं मरीजों को वहां से लौटाया तो नहीं जा रहा. यदि किसी मरीज को बगैर इलाज के प. बंगाल के अस्पतालों से लौटाये जाने की सूचना मिलती है, तो सिविल सर्जनों को व्यक्तिगत स्तर पर संबंधित अस्पतालों या जिला प्रशासन से बात करने को कहा गया है. उन्हें यह बताने को कहा गया है कि रांची सहित झारखंड के अन्य जिलों में स्थित सरकारी अस्पतालों में प. बंगाल के सीमावर्ती जिलों के मरीज लगातार आते हैं तथा उनका इलाज झारखंड में बिना भेदभाव के किया जा रहा है.
गौरतलब है कि प. बंगाल के पुरुलिया, झालदा, तुलीन व कोटशिला सहित अन्य इलाके के मरीज रांची के रिम्स में अपना इलाज कराने आते हैं. विभाग को उम्मीद है कि प. बंगाल के सरकारी अस्पताल प्रबंधन या जिला प्रशासन सिविल सर्जनों की बात मानेंगे तथा झारखंड के मरीजों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. फिर भी यदि बात नहीं बनी, तो सरकार के स्तर से इस संबंध में बात की जायेगी.
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