रांची: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आइसीएआर) के सहायक महानिदेशक डॉ एसके मल्होत्र ने कहा कि विश्व में खाद्य सुरक्षा जैसा कानून लाने वाला भारत दूसरा देश है. खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ देश को पोषण सुरक्षा भी जरूरी है.पोषण सुरक्षा के लिए कंद मूल का अधिक उत्पादन जरूरी है. इसके लिए हमें उद्यान को बढ़ावा देना है. श्री मल्होत्र ने मंगलवार को बीएयू में कंद-मूल के प्रचार-प्रसार पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि कृषि को भी बाजार के हिसाब से तैयार किया जाना चाहिए.
देश की 25 करोड़ आबादी में पोषण की कमी : चक्रवती
सीटीसीआरआइ, तिरुअनंतपुरम के निदेशक डॉ एसके चक्रवर्ती ने कहा कि हम लोगों ने खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में बहुत अच्छा किया, लेकिन उद्यान के क्षेत्र में अच्छा नहीं कर पाये हैं.
आज देश की 25 करोड़ आबादी में पोषण की कमी है. इसमें 26 फीसदी पांच साल से नीचे के हैं. बीएयू के अतिरिक्त निदेशक अनुसंघान डॉ डीके सिंह दोण ने कहा कि झारखंड जैसे क्षेत्र में यह काफी महत्वपूर्ण फसल है. यहां के आदिवासियों की जीविका के लिए महत्वपूर्ण साधन है.दुख की बात है कि हम आज तक इससे संबंधित एक वेराइटी भी नहीं विकसित कर पाये. इसके उत्पादन के साथ इसके पोस्ट हाव्रेस्ट मैनेजमेंट पर भी ध्यान देने की जरूरत है. अतिथियों का स्वागत कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ आर ठाकुर तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ एस. सेनगुप्ता ने किया.