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प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों को मिलेगा छह करोड़ का अनुदान

शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कार्यशाला में कहा रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा है कि राज्य के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों को सरकार छह करोड़ तक का अनुदान देगी. कॉलेजों को अनुदान की राशि संसाधन सुदृढ़ करने के लिए दिया जायेगा. अनुदान की राशि चरणबद्ध दी जायेगी. शिक्षा मंत्री ने यह […]

शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कार्यशाला में कहा
रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा है कि राज्य के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों को सरकार छह करोड़ तक का अनुदान देगी. कॉलेजों को अनुदान की राशि संसाधन सुदृढ़ करने के लिए दिया जायेगा.
अनुदान की राशि चरणबद्ध दी जायेगी. शिक्षा मंत्री ने यह बातें बुधवार को होटल बीएनआर चाणक्या में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम व परीक्षा नियमावली तैयार करने को लेकर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में कही. उन्होंने कहा कि राज्य के तकनीकी विश्वविद्यालयका उदघाटन अगस्त 2018 में होगा. इस वर्ष से कॉलेज में पठन-पाठन शुरू हो जायेगा. राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है.
संख्या के साथ-साथ गुणवत्ता भी आवश्यक है. ऐसे में तकनीकी शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए किया जा रहा प्रयास सराहनीय है. राज्य का तकनीकी विश्वविद्यालय ऐसा हो, जहां दूसरे राज्य के विद्यार्थी भी नामांकन के लिए आयें. इंजीनियरिंग कॉलेज से पास विद्यार्थियों को कम से कम 30 हजार की नौकरी मिले, इसे सुनिश्चित किया जायेगा. तकनीकी शिक्षण संस्थानों में प्रायोगिक कक्षा पर अधिक से अधिक ध्यान दिया जाये. डिग्री प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी केवल रोजगार पाने के लायक नहीं, बल्कि दूसरों को रोजगार देने के लायक बनें.
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सह कौशल विकास विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रम को उद्योग की मांग के अनुरूप बनना होगा, जिससे कि पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार मिलने में परेशानी नहीं हो. राज्य में राष्ट्रीय औसत की तुलना में इंजीनियरिंग काॅलेजों की संख्या कम है.
राष्ट्रीय स्तर पर सात लाख की आबादी पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज है, जबकि झारखंड में 25 लाख की जनसंख्या पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज है. राज्य में नये इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं. पॉलिटेक्निक से पास विद्यार्थियों को कम से कम 15 हजार की नौकरी दी जायेगी.
तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति गोपाल पाठक ने कहा कि राज्य में तकनीकी शिक्षण संस्थानों में गणुवत्ता की कमी है, इसमें सुधार की आवश्यकता है. इसको लेकर प्रयास शुरू किया गया है. इसका बेहतर परिणाम सामने आयेगा. तकनीकी शिक्षा निदेशक अरुण कुमार ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र से पठन-पाठन शुरू होगा.
आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर मनोज हरबोला ने कहा कि शिक्षा में समानता आवश्यक है. इसके लिए पाठ्यक्रम में एकरूपता होनी चाहिए. एसबीटी के निदेशक एसबी शाह ने स्वागत भाषण व उपनिदेशक स्नेह कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यशाला में इंजीनियरिंग के सेमेस्टर एक व दो के तैयार पाठ्यक्रम पर विचार किया गया.

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