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झारखंड : आठ साल में एससी-एसटी के खिलाफ हुए 6,200 अपराध
संजय वर्ष 2010 से मार्च 2018 तक की जारी की गयी रिपोर्ट, एससी के मामले एसटी से अधिक रांची : अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ पिछले आठ वर्षों के दौरान झारखंड में 6,200 अपराध हुए हैं. ये वैसे मामले हैं, जो एससी-एसटी एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराअों के […]
संजय
वर्ष 2010 से मार्च 2018 तक की जारी की गयी रिपोर्ट, एससी के मामले एसटी से अधिक
रांची : अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ पिछले आठ वर्षों के दौरान झारखंड में 6,200 अपराध हुए हैं. ये वैसे मामले हैं, जो एससी-एसटी एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराअों के तहत दर्ज हुए हैं. इनमें वर्ष 2010 से लेकर मार्च-2018 तक के एससी से संबंधित 4365 तथा एसटी से संबंधित 1835 मामले शामिल हैं.
एससी-एसटी थाने सहित राज्य भर के थानों में दर्ज ये मामले हत्या, जाति विशेष को ठेस पहुंचाने, गाली-गलौज या अपमानित करने, मारपीट, बलात्कार, उक्त समुदायों के खिलाफ आगजनी सहित अन्य अपराधों से संबंधित हैं. आंकड़े बताते हैं कि एससी व एसटी समुदाय के खिलाफ दर्ज मामलों में अपवाद छोड़ वर्ष वार वृद्धि होती गयी है.
एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम : एससी-एसटी समुदायों को अत्याचार या इनके खिलाफ होनेवाले अपराध से राहत देने के लिए देश में एक कानून है.
इसे एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के नाम से जाना जाता है. इस कानून के तहत अत्याचार की विभिन्न श्रेणियों के लिए 85 हजार रुपये (गाली-गलौज व मारपीट के लिए) से लेकर 8.25 लाख (गैंग रेप की पीड़िता के लिए) की राहत राशि किस्तों में दी जाती है. पीड़ित लोगों, गवाहों व परिवार के सदस्यों को यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता व निर्वहन भत्ता देने का भी प्रावधान है.
इसके अलावा जिन दर्ज मामलों में आरोप पत्र दाखिल हो जाता है, उसे संबंधित पीड़ित को पांच हजार रुपये की एकमुश्त विधिक सहायता राशि प्रदान की जाती है. कल्याण विभाग इन योजनाओं के क्रियान्वयन की नोडल एजेंसी है. वर्ष 2016 में विभाग की ओर से 1.31 करोड़ तथा वर्ष 2017 में 2.15 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता पीड़ितों में बांटी गयी है.
मामले दर्ज कराने और निष्पादन के विशेष उपाय
एससी-एसटी एक्ट से जुड़े मामलों के लिए राज्य के सभी जिलों में एक-एक एससी-एसटी थाना है. वहीं एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय-अधिसूचना संख्या-525 (26.2.18) के जरिये विभिन्न जिलों में विशेष न्यायालय की भी व्यवस्था की गयी है.
किस वर्ष कितने मामले हुए दर्ज (मार्च 2018 तक)
वर्ष एससी एसटी
2010 249 137
2011 338 106
2012 419 156
2013 684 262
2014 637 295
2015 654 287
2016 589 257
2017 631 272
2018 164 63
कुल 4365 1835
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