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झारखंड : तेजी से गाड़ी चलानेवालों पर सख्ती करें : हाइकोर्ट
आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे काफी जान-माल का नुकसान हो रहा है़, यह स्थिति दु:खदायी है रांची : बिना हेलमेट व तेज गति से वाहन चलाने से आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे काफी जान-माल का नुकसान हो रहा है़ यह स्थिति दु:खदायी है. ट्रैफिक पुलिस अभियान चलाती है, लेकिन वह प्रभावकारी […]
आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे काफी जान-माल का नुकसान हो रहा है़, यह स्थिति दु:खदायी है
रांची : बिना हेलमेट व तेज गति से वाहन चलाने से आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे काफी जान-माल का नुकसान हो रहा है़ यह स्थिति दु:खदायी है. ट्रैफिक पुलिस अभियान चलाती है, लेकिन वह प्रभावकारी नहीं हो पा रहा है.
इसलिए वाहनों की रफ्तार सीमित हो तथा तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस सख्ती से पेश आये. इतना ही नहीं किसी भी स्थिति में दोपहिया वाहनों पर तीन लोगों को बैठने की इजाजत नहीं दी जाये. वाहनों के शीशे पर लगे ब्लैक फिल्मों को हटाया जाये. ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ तत्काल अभियान चलायंे. उक्त निर्देश गुरुवार को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दी.
खंडपीठ ने कहा कि राजधानी में अतिक्रमण से आवागमन बाधित होता है. एक दिन अतिक्रमण हटाया जाता है. दूसरे दिन फिर अतिक्रमण हो जाता है. ऐसे में बार-बार अतिक्रमण होने की अनदेखी नहीं की जा सकती है.
इसके लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाये, ताकि हटाये गये स्थान पर दोबारा अतिक्रमण न होने पाये. नगर निगम के नियमित रूप से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने की बात पर खंडपीठ ने कहा कि अभियान सिर्फ दिखावे जैसा होता है. ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने का निर्देश देते हुए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा. खंडपीठ ने कहा कि राजधानी में फ्लाईअोवर का निर्माण, ट्रांसपोर्ट नगर, बस टर्मिनल का निर्माण, सड़कों का चौड़ीकरण के मामले में ठोस कदम उठाया जाना चाहिए. खंडपीठ ने सरकार से जानना चाहा कि सड़कों के चाैड़ीकरण व फ्लाईअोवर निर्माण के पूर्व राजधानी में वैज्ञानिक तरीके से सर्वे कराया गया है या नहीं.
सड़कों के चयन का क्या आधार होता है. यह भी पूछा कि विभिन्न संबंधित विभागों में समन्वय बनाने के लिए नोडल अॉफिसर की नियुक्ति करने को कहा गया था. नियुक्ति हुई या नहीं. खंडपीठ ने राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया.
कृषि विभाग, नगर विकास विभाग को चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने काे कहा है. इससे पूर्व सरकार की ओर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्र ने बताया कि ट्रैफिक सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए राजधानी की सड़कों का चाैड़ीकरण किया जा रहा है.
सड़कें स्मार्ट बनायी जा रही है. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. कांटाटोली व हरमू रोड में फ्लाईअोवर निर्माण की योजना पर कार्य चल रहा है. राजधानी में मेट्रो रेल चलाने की योजना प्रस्तावित है. इस बाबत केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. केंद्र ने कुछ आपत्ति जतायी थी, जिसका सरकार ने निराकरण कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अधिवक्ता राहुल कुमार दास ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कांटा टोली व रातू रोड में सड़क दुर्घटना में हुई महिला व बच्चे की माैत का मामला उठाया है.
प्रतिदिन प्रदूषण का आंकड़ा लोगों को बतायें : खंडपीठ ने सरकार के जवाब पर असंतोष प्रकट करते हुए कहा कि प्रत्येक जिला में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डिस्पले बोर्ड लगाये आैर प्रदूषण का आंकड़ा दिखाये.
इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में प्रत्येक दिन के प्रदूषण के आंकड़ों का प्रकाशन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. वहीं मीडिया को भी प्रतिदिन प्रदूषण के आंकड़े प्रकाशित करने को कहा. इससे आम लोग जागरूक होंगे तथा प्रदूषण को रोकने के प्रति सजग होंगे. साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जनहित में प्रभावी तरीके से कार्य करने का निर्देश दिया.
इससे पहले बोर्ड ने खंडपीठ को बताया कि प्रत्येक जिले में बोर्ड लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. रांची में वायु व ध्वनि प्रदूषण की प्रतिदिन मापी होती है. उसे प्रकाशित करने के लिए प्रतिदिन अखबारों में भेजा जाता है, लेकिन उसे प्रकाशित नहीं किया जाता है.
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