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रांची : सुबह से ही शुरू हो जाता है टैंकर का इंतजार पानी मिलने के बाद सुलगते हैं घरों के चूल्हे

जलसंकट. नगर निगम की व्यवस्था को कोस रहे लोहराकोचा के लोग रांची : गर्मी का मौसम आते ही शहर के कई मोहल्लों में गंभीर जलसंकट उत्पन्न हो गया है. भू-जलस्तर नीचे चला गया है, जिससे बोरिंग, चापाकल और कुएं लगभग सूख गये हैं. कई मोहल्लों में पानी की पाइप लाइन तो बिछ चुकी है, लेकिन […]

जलसंकट. नगर निगम की व्यवस्था को कोस रहे लोहराकोचा के लोग

रांची : गर्मी का मौसम आते ही शहर के कई मोहल्लों में गंभीर जलसंकट उत्पन्न हो गया है. भू-जलस्तर नीचे चला गया है, जिससे बोरिंग, चापाकल और कुएं लगभग सूख गये हैं. कई मोहल्लों में पानी की पाइप लाइन तो बिछ चुकी है, लेकिन इसमें पानी नहीं आता है. वार्ड नंबर-18 का लोहराकोचा ऐसे ही मोहल्लों में शामिल है. फिलहाल, हालत यह है कि यहां के लोग बाल्टी भर पानी के लिए रांची नगर निगम के टैंकर पर निर्भर हो गये हैं.
वार्ड नंबर-18 के लोहराकोचा मोहल्ले की आबादी करीब 2000 है. यहां के अधिकतर लोग अल्प आय वर्ग वाले हैं. मोहल्ले के लोगों की मानें, तो विधायक फंड से मोहल्ले में एक मिनी एचवाइडीटी लगाया गया है.
यहां रात-दिन पानी भरने के लिए लोगों की कतार लगी रहती है, जिसकी वजह से यहां मोटर भी बार-बार खराब हो जाता है. ऐसे में पूरा मोहल्ला नगर निगम के टैंकर पर आश्रित हो गया है. सुबह में टैंकर से पानी भरने के बाद ही लोग चूल्हे पर बरतन चढ़ाते हैं. लोहराकोचा के लोगों की मानें, तो मोहल्ले के अधिकतर घरों में पानी का कनेक्शन लिया गया है. लेकिन, सप्लाई पाइप लाइन से पानी केवल नाममात्र का आता है. सुबह 7:30 बजे पानी आना शुरू होता है और महज 15 मिनट बाद यानी 7:45 बजे पानी बंद कर दिया जाता है. इस दौरान बड़े-बड़े लाॅज व हॉस्टल मोटर लगाकर सप्लाई पानी खींच लेते हैं. लोगों की मांग है कि पानी के सप्लाई का समय बढ़ाकर कम से कम दो घंटे किया जाना चाहिए.
हमेशा से ऐसा नहीं था लोहराकोचा का हाल : जलसंकट झेल रहे लोग बताते हैं कि उनका मोहल्ला हमेशा से ऐसा नहीं था. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद राजधानी में बड़े-बड़े भवन, लॉज और हॉस्टल बनने शुरू हुए. साथ ही धड़ाधड़ डीप बोरिंग भी की जाने लगी. इससे यहां पानी की खपत भी काफी बढ़ गयी. आज हालत यह है कि जिस कुएं साल भर पानी भरा रहता था, उनमें केवल बरसात के दिनों में ही पानी नजर आता है.
मोहल्ले में गंभीर जलसंकट है. जिस दिन पानी का टैंकर समय पर आ जाता है, उस दिन घर के सारे कार्य समय पर पूरे हो जाते हैं. जिस दिन पानी नहीं आता है. बहुत परेशानी होती है.
सबलू खान
हर साल गर्मी आते ही मोहल्ले में पानी की किल्लत हो जाती है. लेकिन, हमारी समस्या को लेकर कोई गंभीर नहीं है. नगर निगम अगर हमसे टैक्स लेता है, तो सुविधा क्यों नहीं देता है?
शांति देवी
जिस दिन नगर निगम के टैंकर से हमें पानी नहीं मिलता है, उस दिन घर के बच्चों के नहाने में भी आफत आ जाती है. खाना बनाने के लिए आधा किमी दूर से पानी लाना पड़ता है.
बिरसी देवी
नगर निगम जब हमसे टैक्स वसूलता है, तो उसे 24 घंटे पानी भी उपलब्ध कराना चाहिए. हर मोहल्ले में केवल एक टैंकर पानी भेजकर निगम के अधिकारी अपनी पीठ थपथपाते हैं.
अशोक कुमार

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