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एक ऐसा भी स्कूल है, जहां तीन बच्चों पर हैं एक शिक्षक
रांची : राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ एक्ट) के प्रावधान के अनुरूप स्कूलों में लगभग 50 हजार शिक्षकों की कमी है. एक ओर विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, दूसरी ओर ऐसे भी विद्यालय हैं जहां छात्र अनुपात में शिक्षक अधिक हैं. नव प्राथमिक विद्यालय ढीपाटोली […]
रांची : राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ एक्ट) के प्रावधान के अनुरूप स्कूलों में लगभग 50 हजार शिक्षकों की कमी है. एक ओर विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, दूसरी ओर ऐसे भी विद्यालय हैं जहां छात्र अनुपात में शिक्षक अधिक हैं. नव प्राथमिक विद्यालय ढीपाटोली में निरीक्षण के दौरान पाया कि विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक में मात्र 13 बच्चे नामांकित हैं. उनमें से मात्र पांच बच्चे ही उपस्थित थे, जबकि विद्यालय में चार पारा शिक्षक कार्यरत हैं.
आरटीइ एक्ट के अनुरूप 35 विद्यार्थी पर एक, 70 विद्यार्थी पर दो तथा 90 विद्यार्थी पर कम से कम तीन शिक्षक का होना अनिवार्य है. इसके अलावा मध्य विद्यालय में तीन स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक तथा प्रत्येक मध्य विद्यालय में विज्ञान, कला व भाषा विषय के एक-एक शिक्षक का होना अनिवार्य है़
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा राज्य भर के स्कूलों की जांच की जा रही है. निरीक्षण में कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आये हैं. नव प्राथमिक विद्यालय ढीपाटोली में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि विद्यालय में नामांकन की स्थिति काफी दयनीय है. विद्यालय में आवश्यकता से अधिक बेंच-डेस्क पाये गये. विद्यालय के दो वर्ग कक्ष में बेंच-डेस्क ही भरा हुआ था. जांच रिपोर्ट में विद्यालय से बेंच-डेस्क आवश्यकता अनुरूप दूसरे विद्यालय को देने को कहा गया है.
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