रिनपास कैंपस में चल रहे वन स्टॉप सेंटर फॉर वूमेन-सखी का हाल बेेहाल
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उत्पीड़ित महिलाअों की मदद के लिए बना सेंटर खुद पीड़ित
रिनपास कैंपस में चल रहे वन स्टॉप सेंटर फॉर वूमेन-सखी का हाल बेेहाल कांके : उत्पीड़ित महिलाअों की मदद के लिए रिनपास कैंपस में बना वन स्टॉप सेंटर वूमेन-सखी का हाल बेहाल है. 14 दिसंबर 2016 को खुले इस सेंटर का उद्देश्य घरेलू हिंसा, यौन शोषण, दुष्कर्म पीड़ित, दहेज पीड़ित सहित कई अन्य मामलों में […]
कांके : उत्पीड़ित महिलाअों की मदद के लिए रिनपास कैंपस में बना वन स्टॉप सेंटर वूमेन-सखी का हाल बेहाल है. 14 दिसंबर 2016 को खुले इस सेंटर का उद्देश्य घरेलू हिंसा, यौन शोषण, दुष्कर्म पीड़ित, दहेज पीड़ित सहित कई अन्य मामलों में पीड़ित महिलाओं की मदद करना था. पीड़ित महिलाएं यहां केस दर्ज करा कर न्याय की गुहार लगा सकती हैं. 24 घंटा खुला रहनेवाला यह सेंटर वर्तमान में दिन में 10 घंटा ही कार्य कर रहा है. यहां तीन सोशल वर्कर, तीन एएनएम, दो एएसआइ स्तर की महिला पुलिस व एक महिला वकील पदस्थापित हैं. पुलिस विभाग के कर्मचारी व एएनएम को छोड़ कर यहां कार्य कर रहे कर्मचारियों को सात माह से वेतन नहीं मिला है.
सेंटर को चलाने के लिए विभाग द्वारा किसी तरह का फंड भी नहीं दिया जा रहा है. सेंटर में पदस्थापित एक महिला एएसआइ पांच दिन की छुट्टी लेकर 20 दिन से अनुपस्थित है. सेंटर के खुलने के बाद डेढ़ वर्षों में यहां करीब 70 पीड़िताें ने केस दर्ज कराया है. लेकिन केस दर्ज करने के लिए रिनपास द्वारा न ही कागज, पेन, कार्बन पेपर सहित अन्य सामान मुहैया कराया जाता है. सेंटर का प्रिंटर भी एक वर्ष से खराब है. फंड नहीं रहने से प्रिंटर की मरम्मत नहीं हो पा रही है.
कर्मचारी केस दर्ज करने के लिए सादा पेपर, डॉक्यूमेंट्स की फोटो कॉपी व स्टेशनरी की खरीदारी अपने पैसे से कर रहे हैं. सेंटर ने सामान की खरीदारी के लिए रिनपास से कई बार पैसे की मांग की, लेकिन हर बार फंड की कमी बता कर रिनपास अपना पल्ला झाड़ लेता है. सेंटर में पीने का पानी भी नहीं रहता है. शौचालय गंदगी से भरा पड़ा है. इस सेंटर के नोडल ऑफिसर डॉ सुभाष सोरेन, संयोजक डॉ मशरुर जहां, सह संयोजक डॉ रेखा राय, डॉ गीता मेहता हैं.
केस दर्ज करने के लिए कागज, पेन, कार्बन पेपर भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है
कर्मियों का वेतन भुगतान शीघ्र होगा : निदेशक
रिनपास निदेशक डॉ सुभाष सोरेन ने बताया कि वेतन व अन्य खर्चे के लिए 18 लाख का चेक सोशल एंड वेलफेयर विभाग ने दिया था, लेकिन उक्त चेक बाउंस कर गया है. हमने चेक वापस करा दिया है. विभाग द्वारा वेतन मद की राशि मिलते ही कर्मियों को वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा. साथ ही सेंटर की समस्याओं का जल्द ही निराकरण किया जायेगा.
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