झारखंड : 45 साल की उम्र में ही चल बसे प्रवीण सिंह, अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग हुए शामिल

एचइसी स्थित सरकारी आवास से हरमू मुक्तिधाम के लिए निकली अंतिम यात्रा, हर आम और खास ने अश्रुपूर्ण नेत्रों से दी विदाई रांची : आइपीएस अधिकारी प्रवीण कुमार की अंतिम यात्रा में सोमवार को सैकड़ों लोग शामिल हुए. एचइसी स्थित सरकारी आवास से हरमू मुक्तिधाम तक रेला लगा हुआ था. मुक्तिधाम में भीड़ इतनी ज्यादा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 17, 2018 7:04 AM
एचइसी स्थित सरकारी आवास से हरमू मुक्तिधाम के लिए निकली अंतिम यात्रा, हर आम और खास ने अश्रुपूर्ण नेत्रों से दी विदाई
रांची : आइपीएस अधिकारी प्रवीण कुमार की अंतिम यात्रा में सोमवार को सैकड़ों लोग शामिल हुए. एचइसी स्थित सरकारी आवास से हरमू मुक्तिधाम तक रेला लगा हुआ था. मुक्तिधाम में भीड़ इतनी ज्यादा हो गयी थी कि लोग सड़क किनारे दूर से ही उनको अंतिम विदाई देने लिए खड़े रहे.
मुक्तिधाम में बड़े बेटे प्रणय ने पिता को मुखाग्नि दी. इससे पूर्व एचइसी स्थित सरकारी आवास से उन्हें तिरंगे में विशेष वाहन से हरमू रोड लाया गया. वहां से ससुर जगदंबिका पाल, बेटे प्रणय, प्रणेत, भाई मनोज सिंह, नवीन सिंह और सुजीत सिंह सहित मंजीत सिंह व अन्य उन्हें कंधा देकर मुक्तिधाम तक ले गये, जहां पर धार्मिक रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया गया.
45 साल की उम्र में ही चल बसे
प्रवीण कुमार का जन्म एक दिसंबर 1971 को हुआ था. 15 अप्रैल 2017 को उन्होंने अंतिम सांस ली. करीब 45 साल की उम्र में ही उन्होंने आइपीएस अफसर के रूप में एक अलग पहचान बनायी थी. यही वजह रही कि सोमवार को उनकी अंतिम यात्रा में परिजन, पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, समस्तीपुर, यूपी के बस्ती सहित अन्य स्थानों से सैकड़ों की तादाद में लोग अंतिम यात्रा में शामिल होने आये थे.
इन्हीं हाथों से कन्यादान किया था, अब अंतिम संस्कार
दामाद की मौत का गम भाजपा के डुमरिया से सांसद जगदंबिका पाल के चेहरे पर साफ दिख रहा था. कभी आंखों में आंसू, तो कभी बोलते-बोलते फफकना. कभी रोती बेटी और नातियों को ढांढस बंधा रहे थे, तो कभी शांत हो जा रहे थे. रोते हुए अपनी हाथ दिखाते बोले : कभी इन्हीं हाथों से उन्होंने बेटी का कन्यादान किया था, आज इसी से दामाद का अंतिम संस्कार कर रहा हूं. एक पिता के लिए इससे दुखद क्षण कुछ हो ही नहीं सकता.
पत्नी और बेटों का बुरा हाल
प्रवीण कुमार अपने दोनों बेटे को काफी मानते थे. उन्हें खुद से पढ़ाने के अलावा उनके साथ किक्रेट भी खेलते थे. अचानक पिता का साया उठ जाने से दोनों मर्माहत थे. पिता के पार्थिव शरीर पर नजर पड़ते ही दहाड़ मारकर रो पड़ते थे. पत्नी पूजा सिंह का भी रो-रोकर बुरा हाल था.
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि देनेवालों में डीजीपी डीके पांडेय, होमगार्ड डीजी बीबी प्रधान, वायरलेस डीजी नीरज कुमार सिन्हा, जेपीएचसीएल के महानिदेशक केएस मीणा, जैप के एडीजी रेजी डुंगडुंग, एडीजी मुख्यालय पीआरके नायडू, रेल के एडीजी अजय कुमार सिंह, प्रशिक्षण एडीजी अनिल पालटा, विशेष शाखा के एडीजी अनुराग गुप्ता, सीआइडी के एडीजी प्रशांत कुमार सिंह, सीआरपीएफ झारखंड चेप्टर के अाइजी संजय आनंद लाठकर एसीबी के चीफ सह एडीजी मुरारी लाल मीणा, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अविनाश कुमार, खाद्य आपूर्ति सचिव विनय कुमार चौबे, उच्च तकनीकी शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, कृषि सचिव पूजा सिंघल, झारखंड राज्य बिजली निगम के एमडी राहुल पुरवार, पर्यटन विभाग के सचिव मनीष रंजन, आइजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह, रेल आइजी सुमन गुप्ता, आइजी अभियान आशीष बत्रा, आइजी प्रशिक्षण प्रिया दुबे,
आइजी मुख्यालय शंभु ठाकुर, एससीआरबी के डीआइजी हेमंत टोप्पो, जैप के डीआइजी सुधीर कुमार झा, रांची रेंज डीआइजी होमकर अमोल वीनुकांत, डीआइजी बजट मदन मोहन लाल, रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सीबीआइ के एसपी पंकज कंबोज, एसपी नक्सल क्रांति कुमार गडदेशी, सीआइडी एसपी सुनील भास्कर, विधायक नवीन जायसवाल, एसीबी के एसपी सुदर्शन मंडल, एआईजी टू डीजीपी शम्स तबरेज, एसपी ट्रैफिक संजय रंजन सिंह, जैप वन समादेष्टा कुसुम पुनिया सहित अन्य शामिल थे. उक्त लोगों के अलावा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की पत्नी, प्रवीण कुमार के परिवार के लोगों के अलावा पत्रकारों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
आइपीएस एसोसिएशन ने मौन रख दी श्रद्धांजलि
आइपीएस एसोसिएशन की ओर से पुलिस मुख्यालय में अपराह्न तीन बजे शोक सभा आयोजित की गयी. इसमें पुलिस मुख्यालय के सभी वरीय पदाधिकरियों द्वारा आइजी प्रवीण कुमार की तसवीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी. दो मिनट का मौन रख कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गयी. इस दौरान आइजी प्रशिक्षण प्रिया दुबे ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला.

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