झारखंड : ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने का नायाब तरीका

रांची : भवन निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के लिए नायाब तरीका अपनाया है. सफल ठेकेदार के साथ मुख्यमंत्री आवास में चहारदीवारी और संतरी पोस्ट बनाने के लिए एकरारनामा किया, लेकिन उसे मुख्यमंत्री आवास के अंदर जाने के लिए गेट पास ही नहीं दिया. ठेकेदार ने जब गेट पास के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 16, 2018 8:30 AM
रांची : भवन निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के लिए नायाब तरीका अपनाया है. सफल ठेकेदार के साथ मुख्यमंत्री आवास में चहारदीवारी और संतरी पोस्ट बनाने के लिए एकरारनामा किया, लेकिन उसे मुख्यमंत्री आवास के अंदर जाने के लिए गेट पास ही नहीं दिया.
ठेकेदार ने जब गेट पास के लिए बड़े अफसरों का दरवाजा खटखटाना शुरू किया, तो इंजीनियरों ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के लिए नोटिस जारी कर दिया. परेशान ठेकेदार ने केंद्र सरकार से मामले की शिकायत की है.
यह मामला मेसर्स मां प्रतिमा कंस्ट्रक्शन और भवन निर्माण विभाग से संबंधित है. भवन निर्माण विभाग ने 12 जनवरी 2018 को एक टेंडर निकाला. इसमें मुख्यमंत्री आवास में चहारदीवारी, संतरी पोस्ट सहित अन्य काम के लिए प्रस्ताव मांगा.
टेंडर पेपर की बिक्री के लिए 19 जनवरी को दोपहर एक बजे तक का समय तय किया. टेंडर डालने और उसके खोलने के लिए 20 जनवरी का समय तय किया. भवन निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने निर्धारित समय पर टेंडर का निबटारा करते हुए मेसर्स मां प्रतिमा कंस्ट्रक्शन को एल-वन घोषित किया. इसने आठ लाख रुपये में काम पूरा करने का प्रस्तावदिया था.
टेंडर का निबटारा करने के बाद 19 फरवरी को ठेकेदार के साथ कार्यपालक अभियंता ने एकरारनामा किया. एकरारनामे की शर्तों के तहत ठेकेदार को दो माह यानी 19 अप्रैल 2018 तक काम पूरा करना था. मुख्यमंत्री आवास में काम करने के लिए ठेकेदार को गेट पास की जरूरत है. बगैर गेट पास के ठेकेदार, मजदूर या निर्माण कार्य से जुड़े सामान को अंदर ले जाना संभव नहीं है.
एकरारनामे के बाद ठेकेदार ने गेट पास देने का अनुरोध किया, ताकि वह काम शुरू करा सके. पर उसे गेट पास नहीं मिला. इंजीनियरों के इस रवैये को देखते हुए ठेकेदार ने गेट पास के लिए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, भवन निर्माण सचिव सहित अन्य वरीय अधिकारियों से गेट पाल दिलाने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी गेट पास दिलाने की मांग को लेकर पहुंचा, पर उसे गेट पास नहीं मिल सका. इस बीच भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने 13 मार्च 2018 को समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित कराया. इसमें यह कहा गया कि कनीय अभियंता ने 26 फरवरी को लिखे पत्र में यह सूचित किया कि ठेकेदार ने अब तक काम शुरू नहीं किया. इस सूचना के बाद कार्यपालक अभियंता ने तीन मार्च को ठेकेदार को पत्र लिख कर तत्काल काम शुरू करने का निर्देश दिया.
12 मार्च को उन्होंने स्थल का निरीक्षण किया. इसमें यह पाया कि ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया है. इसलिए ठेकेदार को तीन दिनों के अंदर काम शुरू करने का सख्त निर्देश दिया. काम नहीं शुरू करने पर ठेकेदार की जमानती राशि जब्त करने और उसे काली सूची में डालने की चेतावनी दी गयी.
नोटिस प्रकाशित होने के बाद ठेकेदार ने मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की है, क्योंकि काम समाप्त करने के लिए निर्धारित समय में सिर्फ तीन-चार दिन बचे हैं. उसे तो गेट के अंदर जाने के लिए गेट पास ही नहीं मिला है. एेसे में वह काम कैसे शुरू करे.

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