रांची : वित्तीय वर्ष 2017-18 में झारखंड सरकार ने कुल बजट की 90 फीसदी राशि खर्च की है. चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन शनिवार को शाम छह बजे तक वित्त विभाग ने 85 प्रतिशत खर्च की गणना की थी. देर रात तक जारी गणना के बाद खर्च का वास्तविक आंकड़ा 90 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने 68,106 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च करने में सफलता पायी है. 75,673.42 करोड़ रुपये के कुल बजट की लगभग 10 फीसदी राशि सरेंडर की जायेगी.
लगभग 7500 करोड़ रुपये सरेंडर किये जायेंगे. वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, सरेंडर की जानेवाली राशि 10 फीसदी से भी कम होगी, क्योंकि बजट आउटले में केंद्र सरकार से मिलनेवाली राशि को भी शामिल किया जाता है. कई योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से राशि आवंंटित नहीं की गयी है. राज्य को आवंटित नहीं की गयी राशि बजट से घटाने पर सरेंडर में कमी आयेगी. सरकार के कई विभागों ने बजट की 90 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च की है.
बजट की 90% राशि…
पथ निर्माण विभाग ने कुल बजट की 99 प्रतिशत राशि खर्च की है. पेयजल व स्वच्छता विभाग ने 96 प्रतिशत, ऊर्जा विभाग ने 90 प्रतिशत, वन विभाग ने 86 प्रतिशत, स्वास्थ्य विभाग ने 81 प्रतिशत, पेयजल व स्वच्छता विभाग ने 96 प्रतिशत, ग्रामीण कार्य विभाग ने 94 प्रतिशत, पंचायती राज विभाग ने 83 प्रतिशत और नगर विकास विभाग ने 88 प्रतिशत राशि खर्च की है. राज्य सरकार ने कृषि योजनाओं पर बड़ी राशि खर्च करने की योजना बनायी थी.
इसके लिए कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग के बजट राशि में भी वृद्धि भी की गयी थी. परंतु, विभाग योजनाओं पर बजट की आधी राशि भी खर्च नहीं कर सकी. कृषि पर कुल बजट की 38.46 प्रतिशत, सहकारिता पर 28.69 प्रतिशत और पशुपालन पर 50 प्रतिशत राशि ही खर्च की जा सकी. इसके अलावा शिक्षा विभाग कुल बजट का 70 फीसदी और खाद्य आपूर्ति केवल 61 प्रतिशत ही खर्च कर सका.
कई विभागों ने बजट से अधिक किया खर्च
सरकार के कई विभागों ने बजट से अधिक खर्च किया है. गृह विभाग ने सबसे अधिक बजट से 145 प्रतिशत ज्यादा राशि खर्च कर दिया. कार्मिक विभाग ने भी बजट से 114.47 फीसदी अधिक खर्च किया. कार्मिक विभाग ने 19.72 करोड़ के बजट के विरुद्ध 22.57 करोड़ रुपये खर्च किये. इसी तरह भू राजस्व विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने भी बजट से ज्यादा राशि खर्च कर दिया. भू-राजस्व ने 23.22 करोड़ रुपये के कुल बजट के विरुद्ध 26.42 करोड़ खर्च किये.
अंतिम दिन एक हजार करोड़ की निकासी
चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन राज्य भर से लगभग एक हजार करोड़ रुपये की निकासी हुई है. वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार को 400 करोड़ रुपये बुक ट्रांसफर हुए हैं. जबकि, विभिन्न कोषागारों से 600 करोड़ रुपये की निकासी की गयी है.
विभाग बजट खर्च
कृषि 1800.37 692.37
पशुपालन 377.91 190.02
सहकारिता 399.11 114.51
डेयरी 324.74 83.31
ऊर्जा 6000 5429.15
भवन निर्माण 636.56 591.84
नागर विमानन 129.56 108.62
योजना सह वित्त 198.61 96.36
खाद्य आपूर्ति 1391.19 850.82
वन पर्यावरण 656.17 570.11
स्वास्थ्य 3105.97 2522.19
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा 1167.10 910.15
गृह 4050.90 4300.62
सूचना एवं जनसंपर्क 114.28 166.03
कौशल विकास 299.63 159.10
पथ निर्माण 5464.66 5085.90
अल्पसंख्यक कल्याण 117.42 65.49
पेयजल एवं स्वच्छता 1967.37 1901.61
आपदा प्रबंधन 662.96 503.38
ग्रामीण विकास 5999.47 3701.73
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 752.52 570.95
पर्यटन 122.78 69.67
नगर विकास 2533.45 2237.95
जल संसाधन 1878.50 1182.75
युवा कार्य 123.22 65.26
पंचायती राज 1653.22 1543.01
माध्यमिक शिक्षा 1754.01 1105.70
प्राथमिक एवं व्यस्क शिक्षा 6837.30 5074.21
सामाजिक सुरक्षा 3374.33 2303.07
ग्रामीण कार्य 2821.01 2659.27
झारखंड का कुल बजट
Rs 75,673.42 करोड़
100% से अधिक राशि खर्च किये
गृह विभाग 145.00%
कार्मिक विभाग 114.47%
90% से अधिक राशि खर्च किये
पथ निर्माण विभाग 99.00 %
पेयजल व स्वच्छता 96.00%
ऊर्जा विभाग 90.00%
इन विभागों ने कम किये खर्च
कृषि िवभाग 38.46%
सहकारिता िवभाग 28.69%
पशुपालन 50.00%