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मेहनती और स्पेशल स्किलवाले लोगों की दुनिया भर में मांग है : अतुल भट्ट
सपने को नौकरी से न जोड़ें, यह उससे कहीं ऊपर की है चीज महिलाओं ने अपने सपने अौर समस्याअों को साझा किया उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करनेवाली बच्चियां भी हुईं सम्मानित रांची : आहान ट्राइबल डेवलपमेंट फाउंडेशन के तत्वावधान में शनिवार को कैपिटोल हिल में मेंटरिंग वॉक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. यह कार्यक्रम आदिवासी समुदाय की […]
सपने को नौकरी से न जोड़ें, यह उससे कहीं ऊपर की है चीज
महिलाओं ने अपने सपने अौर समस्याअों को साझा किया
उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करनेवाली बच्चियां भी हुईं सम्मानित
रांची : आहान ट्राइबल डेवलपमेंट फाउंडेशन के तत्वावधान में शनिवार को कैपिटोल हिल में मेंटरिंग वॉक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. यह कार्यक्रम आदिवासी समुदाय की किशोरियों अौर महिलाअों के लिए था.
इसमें उन्होंने अपने सपने, अपनी समस्याअों अौर अन्य मुद्दों को साझा किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मेकन के सीएमडी अतुल भट्ट ने कहा कि मेहनती, समर्पित अौर स्पेशल स्किल वालों की दुनिया भर में मांग है. हर इंसान में क्षमताएं होती है. सपने देखें अौर उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करें. उन्होंने जिंदगी में सपना देखने, लक्ष्य निर्धारित करने अौर सफलता पाने को विभिन्न उदाहरणों से समझाया. उन्होंने कहा कि 1998 में भारत ने जब परमाणु परीक्षण किया, तो दुनिया के बड़े देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगाया. उस वक्त इसरो का दूसरा लांच पैड बन रहा था.
लांच पैड बनाने की सारी तकनीक दूसरे देशों की थी. प्रतिबंध के बाद मेकन ने लांच पैड बनाने की जिम्मेदारी ली अौर उसे सफलता पूर्वक पूरा किया. इससे पूर्व आहान फाउंडेशन की संस्थापक अौर निदेशक डॉ रश्मि तिवारी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मेंटरिंग वॉक कार्यक्रम की शुरुआत अमेरिका में हुई थी. यह कार्यक्रम 15 देशों में 150 से अधिक शहरों में हो रहा है. देश के 18 शहरों में यह कार्यक्रम हो रहा है. इसमें महिलाएं, युवतियां एक दूसरे से मिल कर मेंटर के साथ बातचीत करते हुए अपने सपने को निर्धारित करने अौर उसे पूरा करने के लिए प्रेरित की जाती हैं.
डॉ रश्मि ने कार्यक्रम में मौजूद आदिवासी समुदाय की महिलाअों व किशोरियों से कहा कि सपने को नौकरी से न जोड़ें, यह उससे कहीं ऊपर की चीज है. साहू नर्सिंग होम की एमडी जया साबू ने कहा कि किसी भी काम में सफलता के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है. अनुशासन के साथ साथ जुनून भी जरूरी है. यह भी याद रखें कि हमें समाज के लिए भी अपना योगदान देना है. डॉ मीनाक्षी ने कहा कि लड़कियों में झिझक का भाव पैदा किया जाता है, जिससे वे आगे नहीं बढ़ पातीं. अपने झिझक को खत्म करते हुए आगे बढ़ें. कई लोग हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपने को पूरा करते हैं.
गूगल के आनंद देव शर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. कार्यक्रम में पिंक अॉटो चलाने वाली महिला चालक भी शामिल हुईं अौर अपने सपने अौर समस्याअों को साझा किया. इस अवसर पर अपनी बच्चियों को आगे बढ़ाने वाले अभिभावकों, बच्चियों को प्रशिक्षण देने वाले कोच अौर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली बच्चियों को सम्मानित किया गया. इनमें उमेश कुमार उरांव, रिझवा मुंडा, नदीम जाफर, देवतो, चटर्जी, रूपंती मुंडा, रूपनी बारला, आरती मुंडा अौर दीपक शामिल हैं.
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