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रांची :पहले ही दिन काम नहीं कर रहा था ई-वे बिल का पोर्टल
रांची : एक फरवरी से ई-वे बिल लागू किया गया, लेकिन गुरुवार को ई-वे बिल पोर्टल नहीं खुलने से व्यापारी काफी परेशान रहे. यह परेशानी झारखंड सहित पूरे देश में देखने को मिली. नतीजा यह हुआ कि ई-वे बिल जेनरेट नहीं हो पा रहा था. पोर्टल पर बार-बार सर्वर इस नॉट वर्किंग का मैसेज आ […]
रांची : एक फरवरी से ई-वे बिल लागू किया गया, लेकिन गुरुवार को ई-वे बिल पोर्टल नहीं खुलने से व्यापारी काफी परेशान रहे. यह परेशानी झारखंड सहित पूरे देश में देखने को मिली. नतीजा यह हुआ कि ई-वे बिल जेनरेट नहीं हो पा रहा था. पोर्टल पर बार-बार सर्वर इस नॉट वर्किंग का मैसेज आ रहा था. बिल जेनरेट नहीं होने के कारण देश में जहां-तहां ट्रक माल के साथ खड़े रहे.
ई-वे बिल एक फरवरी से देश भर में लागू होना था, लेकिन पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से पुरानी व्यवस्था से ही अब माल वाहनों का परिचालन जारी रहेगा. झारखंड चेंबर के अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया ने कहा कि ई-वे बिल पोर्टल में हो रही परेशानियों को देखते हुए इसके लागू होने की अवधि बढ़ा दी गयी है.
प्रधान सचिव से मिले झारखंड चेंबर के सदस्य
ई-वे बिल पोर्टल में हो रही समस्याओं को देखते हुए झारखंड चेंबर और विभाग के प्रधान सचिव केके खंडेलवाल की बैठक गुरुवार को हुई. श्री खंडेलवाल ने कहा कि ब्राउजर के कारण भी समस्याएं आ रही हैं. यदि पोर्टल खुलने में परेशानी हो रही हो, तो व्यापारी किसी अन्य ब्राउजर का भी उपयोग करें. इससे पोर्टल की समस्या का समाधान हो जायेगा.
चेंबर अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया ने ट्रांसपोर्टरों की परेशानी को देखते हुए आग्रह किया कि प्रशिक्षित अधिकारी ट्रांसपोर्टरों अथवा ट्रांसपोर्ट में जाकर उन्हें ई-वे बिल की समस्याओं के निपटारे में सहयोग करें. इस बीच कोई भी पदाधिकारी ई-वे बिल के अलावे किसी अन्य तरह की जांच नहीं करेंगे, यह सुनिश्चित किया जाये. चेंबर के उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल ने पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर झारखंड में राज्य से राज्य के अंदर परिवहन के लिए 50,000 की लिमिट को दो लाख करने का आग्रह किया. बैठक मेें दीपक मारू, अंजय पचेरिवाला आदि उपस्थित थे.
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