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निर्धन व वंचित वर्ग को त्वरित न्याय मिले, यह प्रयास करें : रघुवर दास

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कानून और न्याय प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण है. इसके अभाव में आधुनिक समाज कार्य नहीं कर पाता है. ऐसी व्यवस्था देनी है, जो विवादित मुद्दों का चुस्ती, निष्पक्षता व कुशलतापूर्वक निबटारा करने में समक्ष हो. नवनियुक्त सिविल जज (जूनियर डिविजन) पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करें. निर्धन […]

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कानून और न्याय प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण है. इसके अभाव में आधुनिक समाज कार्य नहीं कर पाता है. ऐसी व्यवस्था देनी है, जो विवादित मुद्दों का चुस्ती, निष्पक्षता व कुशलतापूर्वक निबटारा करने में समक्ष हो. नवनियुक्त सिविल जज (जूनियर डिविजन) पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करें. निर्धन और वंचित वर्गों को त्वरित न्याय मिले, इसका प्रयास करें. श्री दास रविवार को झालसा के न्याय सदन में सिविल जज पद पर नियुक्त अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे.
सीएम ने कहा कि भारत की न्याय व्यवस्था पर देशवासियों का अटूट विश्वास है. इससे न्यायपालिका से जुड़ रहे लोगों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. हमारी सरकार न्यायपालिका में मैनपावर की कमी को दूर करने की दिशा में काम कर रही है. इसी कड़ी में 40 सिविल जजों की नियुक्ति की गयी है. आनेवाले कुछ महीनों में और 75 नियुक्तियां होंगी. न्यायाधीश लंबित मामलों का निबटारा तेजी से करें. इससे लोगों को समय से न्याय मिलेगा.
जज अपने माइंडसेट में लायें बदलाव, वकीलों से ज्यादा ज्ञान अर्जित करें : जस्टिस डीएन पटेल
झारखंड हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल ने नवनियुक्त जजों को कई सुझाव दिये. उन्होंने कहा कि कोर्ट रूम में 10 मिनट पहले पहुंचने की आदत डालें. जजों पर हमेशा लोगों की निगाहें होती हैं. ऐसे में उनका आचरण व व्यवहार सभ्य होना चाहिए.
जजों को माइंडसेट में बदलाव लाना चाहिए. जजों का वकीलों के साथ दोस्ताना संबंध नहीं होना चाहिए. जजों को वकीलों से ज्यादा ज्ञान अर्जित करना चाहिए. उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल तीन लाख 42 हजार मुकदमे लंबित हैं. पिछले एक साल में 1.54 लाख नये मुकदमे दाखिल हुए.वहीं 1.57 लाख मुकदमों का निष्पादन हुआ. सभी जजों को निष्पादन दर में वृद्धि करने का प्रयास करना चाहिए. हाइकोर्ट के जज छुट्टी के दिन भी शनिवार को कोर्ट में सुनवाई कर रहे हैं. इसका अनुसरण जूनियर जजों को भी करना चाहिए.
40 नवनियुक्त सिविल जजों में 32 झारखंड के
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में अब तक 69,838 से अधिक स्थायी पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसमें से 29,907 पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी हैं. साथ ही विभिन्न विभागों में संविदा के आधार पर 32 हजार पदों पर नियुक्तियां की गयी हैं. इसमें 90 प्रतिशत बहाली स्थानीय लोगों की हुई है. उन्होंने कहा कि नवनियुक्त 40 सिविल जज में 32 झारखंड के हैं.
न्याय दिलाने के लिए 24 घंटे तैयार रहें जज : जस्टिस एचसी मिश्रा
हाइकोर्ट लीगल सर्विसेस ऑथोरिटी के चेयरमैन जस्टिस एचसी मिश्रा ने कहा कि जज का काम सिर्फ आठ घंटे का नहीं होता है. इन्हें गरीब व निर्धन को त्वरित न्याय दिलाने के लिए 24 घंटे तैयार रहने की जरूरत है.
स्वागत भाषण ज्यूडिशियल एकेडमी के निदेशक गौतम चौधरी व धन्यवाद ज्ञापन कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने किया. मौके पर विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील बर्णवाल, विधि सचिव प्रवास कुमार सिंह के अलावा झारखंड हाइकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश मौजूद थे.
नवनियुक्त इन जजों को मिला नियुक्ति पत्र
एंजलिना नीलम मड़की, मनजीत कुमार साहू, प्रणव कुमार, मनोज कुमार, प्रतिमा उरांव, निर्मल कुमार भारती, किशोर कुमार, रीमा कुमारी, रोजलीना बाड़ा, विद्यावती कुमारी, नूतन एक्का, सुशील कुमार पिंगुआ, अरविंद कुमार, अदनान अकीब, सुमिता श्वेता मिंज, तौसिफ मेराज, हुसामुद्दीन वारिस, कंचन टोप्पो, रश्मि अग्रवाल, परीक्षित, अंकिता शर्मा, श्रीकांत गौरव, खुशबू त्यागी, आशीष अग्रवाल, बबिता मित्तल, राज कल्याण, दिनेश बाउरी, जितेंद्र राम, अपोरूपा मैरी सोरेन, अमित आल्दा, मुक्ति भगत, मिथिलेश कुमार, कंचन कुमारी, विजय कुमार यादव, आलोक सिंह, सोनम सिंह, अमित गुप्ता, इला काण्डपाल, जूलियन आनंद टोप्पो व दीपक कुमार साहू.

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