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झारखंड : तेली-आदिवासी के रहन-सहन में नहीं है कोई अंतर : मुख्यमंत्री
झारखंड तेली समाज का तेली जतरा सह सामूहिक विवाह समारोह, मुख्यमंत्री ने कहा रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पांचवीं अनुसूची वाले जिलों में पिछड़ों का आरक्षण शून्य हो गया है. सरकार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने पर विचार करेगी, ताकि पिछड़ों को अधिकार मिल पाये. उन्होंने कहा कि आदिवासी व तेली […]
झारखंड तेली समाज का तेली जतरा सह सामूहिक विवाह समारोह, मुख्यमंत्री ने कहा
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पांचवीं अनुसूची वाले जिलों में पिछड़ों का आरक्षण शून्य हो गया है. सरकार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने पर विचार करेगी, ताकि पिछड़ों को अधिकार मिल पाये. उन्होंने कहा कि आदिवासी व तेली समाज का रहन-सहन एक समान है.
पहले तेली को एनेक्चर-2 में रखा गया था, जिसे सरकार ने एनेक्सचर-1 में शामिल कर दिया है. तेली को एसटी में शामिल कराने को लेकर सरकार की ओर से टीआरआइ के पास अनुशंसा भेजी गयी है. टीआरआइ की रिपोर्ट आने के बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जायेगा.
फिलहाल परिसीमन का मामला न्यायालय के विचाराधीन है. न्यायालय से फैसला आने पर विचार होगा़ श्री दास रविवार को हरमू मैदान में झारखंड प्रदेश तेली समाज की ओर से आयोजित तेली जतरा सह सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे. मौके पर मुख्यमंत्री ने परिणय सूत्र में बंधे 21 जोड़ों को आशीर्वाद दिया. श्री दास ने कहा कि युवा शक्ति ही देश, राज्य व समाज में बदलाव ला सकती है. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति समाज का अंग होता है. मैं मुख्यमंत्री के नाते नहीं समाज का अंग होने के नाते आज यहां उपस्थित हूं.
सामूहिक विवाह काे जनआंदाेलन बनाने की जरूरत
सीएम ने कहा कि सामूहिक विवाह को जन आंदोलन बनाने की जरूरत है. इस दिशा में सामाजिक संगठन आगे आयें. सरकार सामूहिक विवाह कराने वाले संगठनों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति जोड़ा एक हजार रुपये की सहायता राशि देगी. इसको लेकर बजट में भी प्रावधान किया गया है.
उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह होने से फिजूलखर्ची नहीं होती है. गरीब परिवार को अपनी बेटी की शादी के लिए जमीन बंधक नहीं रखना पड़ता है. समाज में सहयोग की भावना होनी चाहिए. आने वाली पीढ़ी में शराब की लत नहीं लगे, इसके लिए समाज को काम करने की जरूरत है. बेटा-बेटी में भेदभाव न करें. बेटी को पहले पढ़ायें, फिर विदाई करें.
जीवन में राजनीति सब कुछ नहीं : मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में राजनीति सब कुछ नहीं है. समाज में शक्ति निहित है. व्यक्ति तभी महान बनता है, जब उसे समाज की शक्ति मिलती है. सिर्फ नेता व विधायक से समाज नहीं बनता है. समाज को सुदृढ़ बनाने के लिए एक-एक व्यक्ति को सहयोग करना चाहिए.
70 लाख तेली समाज के लोग आज अधिकार से वंचित : अरुण साहू
तेली समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू ने कहा कि झारखंड में तेली समाज की आबादी लगभग 22 प्रतिशत है. 70 लाख लोग आज अपने अधिकार से वंचित हैं. राज्य के आठ से 10 जिलों में पेशा कानून लागू कर दिया गया है.
यहां पिछड़ों की राजनीतिक हिस्सेदारी समाप्त हो गयी है. यहां पर पिछड़े समाज के लोग वोट दे सकते हैं, वोट नहीं ले सकते. परिसीमन लागू नहीं होने से पिछड़ा वर्ग अपने अधिकार से वंचित हो रहा है. उन्होंने तेली को एसटी में शामिल करने का आग्रह किया. पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों के कारण पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत से घट कर 14 प्रतिशत रह गया है.
समारोह में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, विधायक नवीन जायसवाल, जीतू चरण राम, मेयर आशा लकड़ा, झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजय शाहदेव, तेली समाज के संरक्षक टी साहू, उपाध्यक्ष मूलचंद साहू, स्वर्गीय तिलेश्वर साहू की पत्नी साबी देवी, शालिनी गुप्ता, मिसेस एशिया रिंकू भगत, श्याम सुंदर साहू, हीरा साहू, जगदीश साहू, विनोद कुमार, मिथलेश प्रसाद आदि मौजूद थे.
तेली समाज की ओर से मुख्यमंत्री को सौंपा गया मांग पत्र
तेली समाज की ओर से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंप कर सिमडेगा, गुमला, रांची, लोहरदगा व खूंटी में कोल तेली को एसटी में शामिल करने का आग्रह किया गया. साथ ही तेली समाज के विकास के लिए विशेष पैकेज देने, तिलेश्वर साहू हत्याकांड की जांच सीबीआइ या एनआइए से कराने, अविलंब परिसीमन लागू करने व बिहार की तर्ज पर पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने का आग्रह किया गया.
इन्हें किया गया सम्मानित : इस मौके पर अमरदीप कुमार, राकेश कुमार, कृष्णा मचारी नाग (थ्रो बॉल खिलाड़ी), ज्योति साहू (नागपुरी गायिका), पूजा साहू (तीरंदाज) व शंकर कुमार साहू को सम्मानित किया गया.
21 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में बंधे जोड़े : नीलम पाल-विकास रजक, सरिता-अनिल तिर्की, नैपी नाग-सुनील तिर्की, ताला कच्छप-सुनील उरांव, किरण-आलोक बेग, रीमा लकड़ा-राज कुमार भगत, वीणा महतो-प्रेम किशोर महतो, संगीता-प्रदीप कुमार महतो, ललिता-मंजीत महतो, कौशल्या-शिव, सुगंती कुमारी-राजेश कुमार महतो, सोनामनी कुमारी-मिनेश कुमार, अंजू कुमारी-सुनील महतो, ममता कुमारी-अजय राम, किरण कुमारी-विनोद कुमारी महतो, तुलिका कुमारी-कंचन महतो, मेनका कुमारी-शशिकांत लोहरा, सोनी कुमारी-संतोष लोहरा, पूनम किंडो-करमचंद उरांव, शोभा कुमारी-जगन साहू व शांति कुमारी-विकेंद्र साहू प्रणय सूत्र में बंधे.
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