सत्ता पक्ष ने किया हंगामा, कहा : सदन की अवमानना है, गरिमा तार-तार हुई
रांची : बजट सत्र में मंगलवार को सदन में खूब हंगामा हुआ़ तीन अधिकारियों पर सरकार से कार्रवाई की मांग को लेकर झामुमो और कांग्रेस के विधायकों ने सदन के अंदर काले कपड़े का नकाब पहन लिया़
स्पीकर दिनेश उरांव के बार-बार मना करने के बावजूद विपक्षी विधायकों ने नकाब नहीं हटाया़ विपक्ष के विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे़ इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष ने विपक्ष को घेरा और हंगामा किया़ स्पीकर श्री उरांव ने बाद में नकाब पहने वाले विधायकों को दिन भर की कार्यवाही के लिए निलंबित कर दिया़ झामुमो विधायकों के साथ कांग्रेस की ओर से अकेले इरफान अंसारी काला नकाब पहन कर विरोध कर रहे थे़
हालांकि सदन में मौजूद विपक्ष की ओर से प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन, विधायक स्टीफन मरांडी, साइमन मरांडी, जोबा मांझी, प्रदीप यादव, आलमगीर आलम, मनोज यादव, बादल पत्र, राजकुमार यादव, अरुप चटर्जी सहित कई विधायकों ने नकाब नहीं पहना था़
लेकिन विधायकों को निलंबित किये जाने के विरोध में मुख्यमंत्री के बजट भाषण का बहिष्कार किया़ इधर सत्ता पक्ष के सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, अमर बाउरी, विरंची नारायण, अनंत ओझा सहित कई विधायकों का कहना था कि विपक्ष ने सदन की अवमानना की है़ मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि विधायकों पर कार्रवाई होनी चाहिए़ सदन की गरिमा तार-तार हुई है़ संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने कहा कि आज सदन में जो कुछ हुआ, वह सदन को लज्जित करने वाला है़
सरकार प्रयास कर रही है कि सदन अच्छे से चले़ लेकिन यहां सारी सीमा लांघी जाने वाले कार्रवाई हो रही है़
ऐसे में आने वाले दिनों में विरोध का स्वरूप क्या होगा़ आज काली टोपी पहन कर आ गये है़ं ऐसा करने वाले विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया जाये़ इसके बाद स्पीकर ने काला नकाब पहने विधायकों को दिन भर की कार्यवाही से निलंबित करने का प्रस्ताव पढ़ा़ उधर दिन के 11 बजे सदन की कार्यवाही स्थगित होते ही सदन में अलग-अलग मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुआ. पक्ष-विपक्ष के विधायक एक-एक कर सदन में कभी सूचना, तो कभी अपने सवाल उठा रहे थे़
स्पीकर बार-बार प्रश्नकाल चलाने का आग्रह करते रहे, लेकिन विपक्ष सुनने के लिए तैयार नहीं था़ सदन के अंदर बार-बार अधिकारियों का मुद्दा गरमाता रहा़ सदन के अंदर जब विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, तो स्पीकर ने 11़ 40 में सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी़ 12 बजे दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन हंगामा होता रहा़ विपक्ष ने मुख्यमंत्री के बजट भाषण का बहिष्कार किया़
दूसरे राज्यों से नियमावली मंगायी जा रही है, नौजवानों के हित में होगा निर्णय
रांची : बजट सत्र में मंगलवार को छठी जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को लेकर पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने सवाल उठाये़ जेपीएससी पीटी के रिजल्ट में आरक्षण के प्रावधान लागू नहीं किये जाने को लेकर पक्ष-विपक्ष एक था़ विधायकों का कहना था कि ज्यादा अंक लाने वाले आरक्षित श्रेणी के छात्रों को सामान्य वर्ग में शामिल नहीं किया गया है़ सरकार इस पर कोई निर्णय ले, तब तक 29 जनवरी को होने वाली मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी जाये़
पक्ष-विपक्ष के विधायकों के सवाल पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर कई विधायक उनसे मिलने आये थे़ सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है़ दूसरे राज्यों से नियमावली मंगायी जा रही है़ नौजवानों के हित में निर्णय होगा़ उधर सदन की कार्यवाही शुरू होते सत्ता पक्ष के विधायक रामकुमार पाहन ने यह मामला उठाते हुए कहा कि आरक्षण कोटा के छात्र अधिक नंबर लाने के बाद भी सामान्य कोटे में शामिल नहीं किये गये है़
जबकि बिहार, यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़ में यह प्रावधान है कि आरक्षित कोटे के छात्र ज्यादा अंक लाने पर उन्हें सामान्य वर्ग में शामिल किया जाता है़ इसलिए उन राज्यों से नियमावली मंगा ली जाये, फिर रिजल्ट प्रकाशित किया जाये़ प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने का कहना है कि कैबिनेट के अंदर जेपीएससी परीक्षा के कट-ऑफ तय किये जा रहे है़ं कैबिनेट यह सब तय करेगा, तो फिर जेपीएससी क्यों है़
इस पर रोक लगना चाहिए़ श्री सोरेन ने कहा कि जेपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग दोनों ही संस्थाएं खिलवाड़ कर रही है़ं झाविमो विधायक प्रदीप यादव का कहना था कि 15 प्रतिशत लोगों को 50 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है़ उसमें भी बाहर के लोग आ रहे है़ं आरक्षण का लाभ जिनको मिलना चाहिए, उन्हें नहीं मिल रहा है़ सत्ता पक्ष के राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि जेपीएससी में आरक्षण के प्रावधान का पालन नहीं हो रहा है़ पीटी को मेधा टेस्ट बता कर उसमें आरक्षण लागू नहीं किया गया है़
झारखंड ने बिहार की नियमावली लागू की है़ बिहार में पीटी परीक्षा में आरक्षण लागू है़ जेपीएससी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए आरक्षण लागू नहीं कर रहा है, जबकि एसएलपी में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है़ सरकार पूरे मामले की समीक्षा कर ले, तब तक 29 को होने वाली परीक्षा को स्थगित करे़