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501 गंभीर आपराधिक मामलों की हो रही त्वरित सुनवाई

रांची : राज्य सरकार के अनुरोध पर हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में गंभीर अपराध से जुड़े 501 मामलों की त्वरित सुनवाई हो रही है. इनमें से अब तक 77 मामलों में 110 से अधिक अभियुक्तों को सजा सुनाई जा चुकी है. अभियुक्तों को दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई गयी […]

रांची : राज्य सरकार के अनुरोध पर हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में गंभीर अपराध से जुड़े 501 मामलों की त्वरित सुनवाई हो रही है. इनमें से अब तक 77 मामलों में 110 से अधिक अभियुक्तों को सजा सुनाई जा चुकी है. अभियुक्तों को दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई गयी है. त्वरित सुनवाई की वजह से रामगढ़ मॉब लिंचिंग के मामले में भी शीघ्र ही फैसला होने की उम्मीद है. यह मुकदमा न्यायिक प्रक्रिया के अंतिम दौर में है.
राज्य के गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने अपराधियों को सजा दिला कर विधि-व्यवस्था में सुधार की योजना बनायी. इसके तहत सीआइडी को राज्य के विभिन्न जिलों के न्यायालयों में चल रहे गंभीर अपराध से जुड़े मामलों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया. सीआइडी ने समीक्षा के बाद 501 मामलों की सूची तैयार की. इसमें हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, अवैध हथियारों के इस्तेमाल, दुष्कर्म और नशीले पदार्थ से जुड़े मामलों को शामिल किया गया.
सीआइडी द्वारा सूची तैयार किये जाने के बाद गृह सचिव ने हाइकोर्ट को इन 501 मामलों की सूची के साथ एक अनुरोध पत्र भेजा. इसमें हाइकोर्ट से इन मुकदमों की त्वरित सुनवाई करने का अनुरोध किया गया. हाइकोर्ट ने सरकार के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए सभी जिला जजों को पत्र लिखा. इसमें जिला जजों को सूची में शामिल किये गये मुकदमों की त्वरित सुनवाई का निर्देश दिया गया. इसके बाद सभी जिलों में सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी 501 मामलों की सूची में से 487 मामलों की त्वरित सुनवाई शुरू हुई. क्योंकि सरकार का अनुरोध पत्र मिलने से पहले ही 14 मामले निष्पादित हो गये थे. इनमें से 12 मामलों के अभियुक्त बरी हो गये थे. सिर्फ दो ही मामलों में अभियुक्तों को सजा हो सकी थी.
अभियोजन निदेशालय से हो रही है मॉनिटरिंग
गृह विभाग ने मुकदमों की त्वरित सुनवाई का अनुरोध करने के साथ ही इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी अभियोजन निदेशालय को सौंपी. निदेशालय पिछले एक साल से फंक्शनल हुआ है.
यहां 17 स्वीकृत पद के मुकाबले सिर्फ एक ही सहायक है. इसके अलावा तीन उप निदेशक और एक निदेशक हैं. अभियोजन निदेशक डीएम त्रिपाठी पूरे राज्य से दिन प्रति दिन सुनवाई में हो रही प्रगति पर नजर रख रहे हैं. साथ ही इससे संबंधित आंकड़ा तैयार कर रहे हैं. दशहरा की छुट्टी के बाद त्वरित सुनवाई शुरू हुई. अब तक कुल 107 मामलों का निष्पादन हुआ है. इसमें से 77 मामलों में अभियुक्तों को सजा हुई है.
35 मामलों में अभियुक्त बरी हो गये. त्वरित सुनवाई शुरू होने से पहले कंविक्शन रेट 14-15 प्रतिशत के बीच था. यह बढ़ कर 68 प्रतिशत हो गया है. पिछले दो माह की त्वरित सुनवाई के बाद 70 और मामले ट्रायल स्टेज में पहुंच गये हैं. 30 अक्तूबर तक 262 मामले ट्रायल स्टेज पर हैं. अभी 501 में से 383 मामले न्यायालय में लंबित हैं, जिनकी त्वरित सुनवाई चल रही है.
जिला मुकदमा
रांची 25
गुमला 16
खूंटी 09
सिमडेगा 07
लोहरदगा19
जमशेदपुर22
सरायकेला13
चाईबासा 10
जिला मुकदमा
हजारीबाग69
चतरा 19
कोडरमा 30
गिरिडीह 23
रामगढ़ 14
पलामू 21
गढ़वा 14
लातेहार 20
जिला मुकदमा
दुमका 14
साहेबगंज24
देवघर 35
गोड्डा 15
जामताड़ा 11
पाकुड़ 20
बोकारो 19
धनबाद 24

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