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600 कराेड़ की पाेषाहार आपूर्ति का टेंडर हाे गया रद्द

रांची : छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों सहित गर्भवती व धात्री महिलाओं को मिलनेवाले पोषाहार की आपूर्ति का टेंडर रद्द हो गया है. टेंडर में शामिल कुल छह कंपनियां तकनीकी बिड में अनफिट पायी गयी. अाश्चर्य की बात यह है कि गत साढ़े तीन वर्षों से करीब 600 करोड़ रुपये सालाना बजट […]

रांची : छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों सहित गर्भवती व धात्री महिलाओं को मिलनेवाले पोषाहार की आपूर्ति का टेंडर रद्द हो गया है. टेंडर में शामिल कुल छह कंपनियां तकनीकी बिड में अनफिट पायी गयी. अाश्चर्य की बात यह है कि गत साढ़े तीन वर्षों से करीब 600 करोड़ रुपये सालाना बजट का पोषाहार आपूर्ति कर रही तीन कंपनियां भी तकनीकी रूप से अनफिट पायी गयी हैं.

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इन्हें पहले यह काम आखिर कैसे मिल गया. इसको लेकर विभाग में एक पसोपेश की स्थिति है. गौरतलब है कि हेमंत सरकार में तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी के कार्यकाल में मेसर्स आदित्य फ्लोर मिल बोकारो, मेसर्स इंटरलिंक फूड्स प्रालि दिल्ली तथा मेसर्स कोटा दाल मिल, कोटा (राजस्थान) को राज्य के विभिन्न जिलों में पोषाहार उत्पादन तथा इसके वितरण का काम काम मिला था. इन तीनों के साथ तीन अन्य कंपनियों ने दिसंबर में निकले टेंडर में हिस्सा लिया था. पर किसी कंपनी को तकनीकी रूप से फिट नहीं पाया गया.

मामले को लेकर विभाग में पसोपेश की स्थिति
सीएम का निर्देश, अधिकारी जायेंगे तमिलनाडु व महाराष्ट्र
इधर, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद समाज कल्याण निदेशक मनोज कुमार तथा विशेष सचिव सह महानिदेशक डीके सक्सेना राज्य पोषण मिशन महाराष्ट्र जानेवाले हैं. इन दोनों अधिकारियों को संबंधित राज्यों में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के जरिये मशीन से हो रहे पोषाहार निर्माण व वितरण कार्य का अध्ययन करना है. दोनों से कहा गया है कि वे सात दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट दे दें. उक्त रिपोर्ट के आधार पर ही झारखंड में भी एसएचजी के सहयोग से ही पोषाहार उत्पादन व वितरण पर नये सिरे से विचार होना है.
फिर करना होगा अवधि विस्तार : राज्य भर के 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों में उपरोक्त तीन कंपनियों द्वारा करीब 28 लाख बच्चों व महिलाअों को रेडी-टू-इट (पैकेट बंद) पोषाहार (पंजिरी व उपमा) आपूर्ति करने की तीन वर्ष की समय सीमा 30 जून 2017 को समाप्त हो गयी थी. इसके बाद से ही टेंडर नहीं निकल पाने के कारण संबंधित कंपनियों को अवधि विस्तार देकर काम लेने की मजबूरी हो गयी. अभी इन्हें दिसंबर तक का अवधि विस्तार मिला था. अब ताजा टेंडर रद्द होने के बाद इनका फिर से अवधि विस्तार करना होगा. प्रति माह पोषाहार पर खर्च करीब 48 करोड़ रुपये है.
अभी किस कंपनी की कहां आपूर्ति
मेसर्स इंटरलिंक फूड्स प्रा. लि दिल्ली : रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, पू सिंहभूम, प सिंहभूम व सरायकेला.
मेसर्स कोटा दाल मिल राजस्थान : हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह, चतरा, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहेबगंज और देवघर.
मेसर्स आदित्य फ्लोर मिल बोकारो : बोकारो, रामगढ़, कोडरमा, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा व लातेहार.

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