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लालू के सेवक और केस करानेवाला अंडरग्राउंड

राजद अध्यक्ष की सेवा के लिए झूठा केस करा कर जेल जाने का मामला मदन यादव और रसोइया लक्ष्मण कुमार बुधवार को जेल से रिहा हुए थे पुलिस ने सुमित यादव पर झूठा केस दर्ज कराने का आरोप लगाया है रांची : फर्जी केस के सहारे जेल जाने वाले लालू के सेवक राजद नेता मदन […]

राजद अध्यक्ष की सेवा के लिए झूठा केस करा कर जेल जाने का मामला
मदन यादव और रसोइया लक्ष्मण कुमार बुधवार को जेल से रिहा हुए थे
पुलिस ने सुमित यादव पर झूठा केस दर्ज कराने का आरोप लगाया है
रांची : फर्जी केस के सहारे जेल जाने वाले लालू के सेवक राजद नेता मदन यादव व रसोइया लक्ष्मण कुमार बुधवार को रिहा हो गये. रिहा होने के बाद पुलिस के डर से उक्त दोनों के अलावा फर्जी केस कराने वाले सुमित यादव भी अंडरग्राउंड हो गये़ पुलिस ने सुमित यादव पर झूठा केस कराने का आरोप लगाया है़ पुलिस के पास इसका आधार भी है़ दर्ज प्राथमिकी में जो समय व घटनास्थल बताया गया है, उस दौरान सुमित का मोबाइल लोकेशन दूसरे स्थान पर था़ मदन यादव का घर हिनू के साकेत नगर व गंगा खटाल में है, लेकिन जेल से छूटने के बाद वे घर नहीं आये है़ं ज्ञात हो कि मीडिया में ऐसी चर्चा थी कि मदन व लक्ष्मण इस मामले में कोर्ट में सरेंडर कर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा गये थे, ताकि वहां लालू प्रसाद की सेवा कर सकें.
आपसी लड़ाई को राजनीतिक रंग देने का हो रहा प्रयास : सोना देवी
लोअर बाजार थाना में मदन यादव व लक्ष्मण कुमार पर केस कराने वाला सुमित यादव भी अंडरग्राउंड हो गया है़ सुमित की मां सोना देवी ने कहा कि सुमित ने मदन यादव की गाड़ी चलायी थी़ उसका पैसा मदन के पास बकाया था़ बकाया मांगने पर उसने मारपीट की थी़ यह आपसी लड़ाई का मामला है, उसे राजनीतिक रूप दिया जा रहा है़ अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए मैं जज के सामने खड़ी होकर सारी सच्चाई बताने को तैयार हू़ं मैं पढ़ी-लिखी हूं. सच बात कहीं भी बोलने से पीछे नहीं हटूंगी़ उन्होंने बताया कि मेरे पति लक्ष्मण यादव सेवानिवृत्त फौजी है़ं वर्तमान में उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. पुत्र की कमाई से ही घर चलता है़ एक्सीडेंट में सुमित की स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गयी थी़ उसे बनाने के लिए सुमित को पैसे की जरूरत थी़ सुमित ने मदन यादव से पैसा मांगा था़ उसके बाद उसके साथ मारपीट की गयी़ इसके बाद सुमित ने केस कराया था़
रांची. चारा घोटाला से जुड़े दो मामले आरसी 47ए/96 अौर आरसी 38ए/96 में गुरुवार को सुनवाई हुई. दोनों ही मामलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई. आरसी 47 ए/96 का मामला सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में चल रहा है. यह मामला डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित है. इस मामले में सीबीआइ की अोर से गवाही चल रही है. गुरुवार को चाईबासा कोषागार के तत्कालीन सहायक लेखापाल सुबोध चंद्र राउत की गवाही दर्ज की गयी.
सुबोध चंद्र राउत ने अपनी गवाही में मामले के आरोपी फूलचंद तिर्की से जुड़े आरोपों से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने अपनी गवाही में वित्त विभाग से आयी चिट्ठी का सत्यापन किया अौर फूलचंद सिंह तथा एक अन्य आरोपी सिलास तिर्की के हस्ताक्षरों की पहचान की. मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी को है. इसके बाद चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 38 ए/96 मामले में भी लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई. यह मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित है. इस मामले में भी 12 जनवरी शुक्रवार को सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित है. इस दौरान जज ने लालू से पूछा कि शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंशिंग से पेश होंगे या अदालत आना चाहेंगे़ इस पर लालू ने कहा कि सर कोर्ट ही आयेंगे़
पति के जेल से छूटने की सूचना मीडिया से मिली
मदन यादव हिनू के साकेत नगर में रहते है़ं उनकी पत्नी नीलम देवी ने बताया कि जेल से छूटने की जानकारी मुझे मेरे पति ने नहीं दी है. गुरुवार की सुबह मीडिया के माध्यम से उनके जेल से छूटने की जानकारी मिली़ नीलम देवी ने बताया कि मारपीट के मामले में वह जेल गये थे़
सुमित हमारा गोतिया है और हमारी उससे लड़ाई चलती है़ पैसा के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था़ उसके बाद मारपीट हुई थी़ लालू की सेवा करने के लिए जेल जाने की जानकारी हमें नहीं है़ गुरुवार सुबह से ही मीडिया वाले मेरे घर आने लगे, लेकिन जब मुझे मेरे पति के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है तो मैं किसी को उनके बारे में क्या जानकारी दे सकती हू़ं
रांची. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत की ओर से जारी अवमानना नोटिस को झारखंड हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी है. याचिका पर 12 जनवरी को सुनवाई होगी. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने याचिका दायर की है. सीबीआइ की अदालत ने प्रार्थी मनीष तिवारी को 23 जनवरी को अदालत में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला मामले के आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद को दोषी करार देने के बाद राजद व कांग्रेस के नेताअों द्वारा दिये गये बयान को सीबीआइ कोर्ट द्वारा अवमानना का मामला बताया गया था. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने नेताअों के बयान को गंभीरता से लेते हुए उनके विरुद्ध अवमानना का नोटिस जारी किया था. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी, लालू प्रसाद के पुत्र व बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर 23 जनवरी को अदालत में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.

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