झारखंड की 347 खदानें कल से बंद, 17 लाख होंगे बेरोजगार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगायी गयी है 40 हजार करोड़ की पेनाल्टी रांची : सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत एक जनवरी 2018 से झारखंड की 347 खदानें बंद हो जायेंगी. इन खदानों ने राज्य सरकार की ओर से लगायी गयी पेनाल्टी की राशि का भुगतान नहीं किया है. पर्यावरण स्वीकृति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 31, 2017 6:20 AM

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगायी गयी है 40 हजार करोड़ की पेनाल्टी

रांची : सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत एक जनवरी 2018 से झारखंड की 347 खदानें बंद हो जायेंगी. इन खदानों ने राज्य सरकार की ओर से लगायी गयी पेनाल्टी की राशि का भुगतान नहीं किया है. पर्यावरण स्वीकृति से अधिक क्षेत्र में खनन करने के कारण खान विभाग ने इन खदानों पर 40 हजार करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगायी है. इन्हें 31 दिसंबर 2017 तक पेनाल्टी का भुगतान करना था. पर इन खदानों ने भुगतान नहीं किया. इनमें सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल की कोयला खदानों से लेकर हिंडाल्को की बॉक्साइट खदान, चाईबासा स्थित लौह अयस्क खदानों व लाइम स्टोन की खदानें भी शामिल हैं. इन खदानों के बंद होने से करीब 17 लाख मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे.
क्या है मामला : दो अगस्त को कॉमन कॉज बनाम भारत सरकार और प्रफुल्ल सामांत्रा बनाम भारत सरकार के केस में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था.
झारखंड की 347 खदानें…
इसमें पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र (इसी) में स्वीकृत मात्रा से अधिक उत्पादन करने के मामले में एमएमडीआर एक्ट 1957 की धारा 21(5) के तहत उल्लंघन की स्थिति में क्षतिपूर्ति राशि वसूलने का निर्देश दिया था. इसी आलोक में खान सचिव ने 23 अक्तूबर को सभी जिला खनन पदाधिकारियों को पत्र भेज कर वर्ष 2000-01 से 2016-17 तक खदानों से निकाले गये खनिजों की गणना करने को कहा था. स्वीकृत मात्रा से अधिक खनिज का उत्पादन करनेवाली खदानों पर पेनाल्टी लगाते हुए नोटिस भेजने का आदेश दिया था. खदानों को 31 दिसंबर तक पेनाल्टी का भुगतान करने का निर्देश दिया गया. कहा गया था कि ऐसा न करने पर 24 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से कुल राशि पर सूद की वसूली भी की जायेगी. विधि सम्मत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी थी.
निर्धारित तिथि 31 दिसंबर तक नहीं किया पेनाल्टी का भुगतान
औसतन पांच हजार मजदूर एक खदान में
कोयला, लोहा, बॉक्साइट और लाइम स्टोन की खदानों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से औसतन पांच हजार मजदूर काम करते हैं. खान विभाग के अधिकारियों ने एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार कहा है कि लगभग 17 लाख मजदूर एक जनवरी से बेरोजगार हो जायेंगे. इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिनका रोजी-रोजगार खदानों पर आश्रित हैं.
बीसीसीएल पर सर्वाधिक 6233 करोड़ की पेनाल्टी
चाईबासा स्थित लौह अयस्क, मैगनीज व लाइम स्टोन की खदानों की गणना कर 2706 करोड़ की पेनाल्टी लगायी गयी है. इनमें केवल सेल की चार माइंस पर ही लगभग 1328 करोड़ की पेनाल्टी लगायी गयी है. चतरा स्थित सीसीएल की कोयला खदानों पर 886 करोड़, हजारीबाग स्थित कोयला खदानों पर 620 करोड़, गुमला व लोहरदगा स्थित बॉक्साइट खदानों पर 290 करोड़ की पेनाल्टी लगायी गयी है. बीसीसीएल पर अधिक खनन के कारण 6233 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगायी गयी है.
देर से भुगतान करनेवाली कंपनियों को 24% की दर से देना होगा ब्याज
कितनी खदानें होंगी बंद
कोयला खदान 250
सीसीएल 172
बीसीसीएल 62
इसीएल 12
सेल और टाटा स्टील 04
लौह अयस्क खदान 42
बॉक्साइट 45
लाइम स्टोन 10
कुल 347
क्या कहते हैं खान आयुक्त
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिन खदानों ने 31 दिसंबर तक पेनाल्टी की राशि का भुगतान नहीं किया है, उनका उत्पादन एक जनवरी 2018 से बंद हो जायेगा. फिलहाल तो यही स्थिति है. दो-तीन कंपनियों ने कुछ भुगतान किया है. 31 तक हम इंतजार करते हैं कि कितनी कंपनियां भुगतान करती हैं. अन्यथा कोर्ट के आदेश से खदानों का संचालन बंद करना होगा. जब तक कि आगे का कोई आदेश नहीं मिलता.
– अबु बकर सिद्दीख, खान आयुक्त, झारखंड

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