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सुरक्षा एजेंसी को कार्यादेश देने में हुई चूक : जांच टीम
रांची : रिम्स में सुरक्षा एजेंसी विमला इंटरप्राइजेज को कार्यादेश मिलने की जांच कर रही टीम ने गड़बड़ी पकड़ी है. जांच टीम ने पाया है कि कार्यादेश देने में सावधानी नहीं बरती गयी है. बारीकी से निविदा के मानकों को देखे बिना ही कार्यादेश दे दिया गया है. सूत्रों की मानें, तो टीम ने परचेज […]
रांची : रिम्स में सुरक्षा एजेंसी विमला इंटरप्राइजेज को कार्यादेश मिलने की जांच कर रही टीम ने गड़बड़ी पकड़ी है. जांच टीम ने पाया है कि कार्यादेश देने में सावधानी नहीं बरती गयी है. बारीकी से निविदा के मानकों को देखे बिना ही कार्यादेश दे दिया गया है.
सूत्रों की मानें, तो टीम ने परचेज कमेटी को दोबारा स्क्रूटनी करने का आदेश दिया है. वहीं, टीम ने यह भी कहा है कि अगर परचेज कमेटी स्क्रूटनी करने में असमर्थ हैं, तो उच्चस्तरीय कमेटी से जांच करायी जाये. जांच टीम ने जिन-जिन बिंदुओं पर शिकायत की गयी है, उसकी जांच की और अपना मंतव्य दिया है. मामले को लेकर बुधवार शाम को जांच टीम और उच्च अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें रिपोर्ट पर चर्चा हुई. इधर, टीम के सदस्य डॉ एसएस चौधरी ने कहा कि रिपोर्ट प्रबंधन को सौंप दी गयी है.
यह है मामला
गौरतलब है कि रिम्स की सुरक्षा के लिये एजेंसी चयनित करने के लिए निविदा निकाली गयी थी, जिसके आधार पर नयी एजेंसी विमला इंटरप्राइजेज को सुरक्षा का जिम्मा 19 दिसंबर को दिया गया था. कार्यादेश मिलते ही किसी ने मुख्यमंत्री सचिवालय में शिकायत कर दी.
इसके बाद 24 घंटे के भीतर ही विमला इंटरप्राइजेज का कार्य स्थगित कर दिया गया था. जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर दी गयी. टीम का अध्यक्ष स्कीन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसएस चौधरी को बना दिया गया. टीम में पीएसएम के विभागाध्यक्ष डॉ विवेक कश्यप, डॉ एसबी सिंह, डॉ गोपाल श्रीवास्तव को सदस्य बनाया गया.
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