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न्यायालय के निर्देशों की हो रही अनदेखी
नागाबाबा खटाल. विस्थापित संघर्ष मोर्चा ने लगाया आरोप रांची : विस्थापित संघर्ष मोर्चा ने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि राज्य सरकार न्यायालय के पूर्व के आदेशों व वर्तमान लंबित मामले में दिये गये निर्देशों की अनदेखी कर नागा बाबा खटाल की जमीन को जबरन हथियाना चाहती है. मोर्चा के अनुसार कि नागा […]
नागाबाबा खटाल. विस्थापित संघर्ष मोर्चा ने लगाया आरोप
रांची : विस्थापित संघर्ष मोर्चा ने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि राज्य सरकार न्यायालय के पूर्व के आदेशों व वर्तमान लंबित मामले में दिये गये निर्देशों की अनदेखी कर नागा बाबा खटाल की जमीन को जबरन हथियाना चाहती है. मोर्चा के अनुसार कि नागा बाबा खटाल की जमीन से संबंधित मामला झारखंड हाइकोर्ट में लंबित है.
पिछले दिनों हाइकोर्ट ने मामले की सुनवाई की थी आैर राज्य सरकार को जमीन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. वर्ष 2011 से लेकर 2017 तक राज्य सरकार व रांची नगर निगम द्वारा कोर्ट को संतोषजनक जवाब व दस्तावेज नहीं दिया गया. मामले को लटकाये रखने के रवैये को देखते हुए कोर्ट ने फटकार लगायी थी.
मोर्चा ने बताया है कि वर्ष 2011 के 27 मार्च को बिना नोटिस दिये कच्चे-पक्के मकान व जानवरों के लिए सरकार द्वारा बनाये गये बथान को भी ध्वस्त कर दिया गया. मोर्चा के मनोहर कुमार यादव ने बताया कि वर्ष 1997 में याचिका संख्या 1463/96 आर तथा याचिका संख्या 149/2003 में सरकार की अोर से दाखिल शपथ पत्र में कहा गया था कि नागा बाबा खटाल की जमीन सरकारी है. 92 व्यक्तियों के नाम बंदोबस्ती के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था. अब सरकार द्वारा उस जमीन को अपना बताया जा रहा है.
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