सुषमा बड़ाईक यौन शोषण मामला. कुल 71 लोगों ने दी गवाही, अदालत को नहीं मिले साक्ष्य
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12 साल बाद बर्खास्त आइजी पीएस नटराजन बरी
सुषमा बड़ाईक यौन शोषण मामला. कुल 71 लोगों ने दी गवाही, अदालत को नहीं मिले साक्ष्य 1. नटराजन ने जतायी खुशी, कहा : सत्य की हुई जीत 2. 2005 में लोअर बाजार थाने में दर्ज हुआ था मामला रांची : चर्चित सुषमा बड़ाईक यौन शोषण मामले में बर्खास्त आइजी पीएस नटराजन को न्यायाधीश शिवपाल सिंह […]
1. नटराजन ने जतायी खुशी, कहा : सत्य की हुई जीत
2. 2005 में लोअर बाजार थाने में दर्ज हुआ था मामला
रांची : चर्चित सुषमा बड़ाईक यौन शोषण मामले में बर्खास्त आइजी पीएस नटराजन को न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने केस की सुनवाई के बाद साक्ष्य के अभाव में शनिवार को बरी कर दिया. 12 साल बाद मिले न्याय पर नटराजन ने खुशी का इजहार किया. कहा, मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था. सत्य की जीत हुई है. यह मामला रांची के लोअर बाजार थाने में 2005 में दर्ज हुआ था. 12 साल तक चले इस मामले में 71 गवाहों ने कोर्ट में अपना बयान कलबद्ध कराया था.
इसमें नटराजन की ओर से 14 गवाहों ने बयान दिया था. मामला तूल पकड़ने के बाद तत्कालीन आइजी नटराजन को सरकार ने लंबे समय तक निलंबित रखा था. बाद में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. फिर वे कोर्ट गये और बर्खास्तगी खत्म करवाया. लेकिन सरकार ने उन्हें फिर बर्खास्त कर दिया था.
गुस्से में मीडिया पर किया हमला
कोर्ट से निकलने के बाद जब मीडिया ने सुषमा बड़ाइक का पक्ष जानना चाहा, तो उसकी बड़ी बहन अचानक गुस्से में आ गयी. वह फोटो खींच रहे मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई करने लगी. कुछ का कैमरा छीनने की कोशिश की. किसी का माइक छीन ली. कुछ देर तक वह हंगामा करती रही. बहन का यह रूप देख सुषमा रोने लगी. वह बार-बार बड़ी बहन को समझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी. अंत में मीडियाकर्मियों के आवेश में आने के बाद महिला पुलिसकर्मियों ने सुषमा की बेकाबू बहन को कब्जा में ले शांत कराया.
पहले डीआइजी, फिर आइजी पर लगाया था आरोप
सुषमा बड़ाईक ने पलामू के तत्कालीन डीआइजी परवेज हयात पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसके मद्देनजर विभाग की ओर से रांची के तत्कालीन आइजी पीएस नटराजन को जांच की जवाबदेही सौंपी गयी थी. वहीं कुछ दिनों बाद सुषमा के बयान पर लोअर बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसमें सुषमा ने पीएस नटराजन पर ही आरोप लगा दिया था कि नटराजन ने कई बार उसका यौन शोषण किया. पहली बार नटराजन उससे मिलने कांके स्थित उसके पिता के घर आये थे.
इसके बाद वो अपने पति राजेश कुजूर के साथ चांदनी चौक स्थित रायजी के मकान में रहने लगी. वहां पर भी कई बार दुष्कर्म करने का आरोप सुषमा ने नटराजन पर लगाया. यही नहीं उसने अपने पति राजेश पर भी आरोप लगाया कि दुष्कर्म के दौरान नटराजन का वह साथ देता था. विरोध करने पर दोनों उसे पीटते थे. फिर वह कलिंगा अपार्टमेंट में शिफ्ट हुई थी. वहां भी मधुप्रिया की मदद से नटराजन पर उसने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया. तंग आकर सुषमा ने मीडिया से संपर्क किया और उसी फ्लैट में यौन शोषण का वीडियो तैयार करवाया था.
यह वीडियो मीडिया में लीक होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था. काफी हंगामे के बाद एफआइआर दर्ज किया गया था. इसके बाद फ्लैट संख्या डी-चार की जांच पुलिस अफसरों ने की थी. वहां से एक तसलीमा नसरीन और एक सिस्टर निवेदिता की किताब मिली थी. एक दवा का पुर्जा (मरीज की जगह पर सुषमा और डॉक्टर की जगह पर नटराजन का नाम लिखा हुआ था). दाग लगा बेडशीट और पेटीकोट के अलावा फिल्मी गानों की कई सीडी मिली थी.
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