21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जेल में रहने तक लालू प्रसाद की यही पहचान थी

रांची : चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद लालू को कैदी नंबर 3312 मिला था. सीबीआइ के तत्कालीन न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत ने चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 20ए/96 में 30 सितंबर 2013 को अपना फैसला सुनाया था. उन्होंने लालू प्रसाद सहित कुल 45 को दोषी करार […]

रांची : चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद लालू को कैदी नंबर 3312 मिला था. सीबीआइ के तत्कालीन न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत ने चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 20ए/96 में 30 सितंबर 2013 को अपना फैसला सुनाया था. उन्होंने लालू प्रसाद सहित कुल 45 को दोषी करार दिया था. दोषी करार दिये जाने के बाद लालू प्रसाद को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया था. जेल अधिकारियों ने जेल मैनुअल के प्रावधानों के तहत दोषी करार मुजरिमों को नंबर दिया. इसमें लालू प्रसाद को कैदी नंबर 3312 मिला था. जेल में रहने तक यही उनकी पहचान थी.

45 अभियुक्तों को सजा सुनायी गयी थी
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ने जिन 45 अभियुक्तों को सजा सुनायी थी उसमें छह राजनेता, चार आइएएस अधिकारी, एक आइआरएस अधिकारी, पशुपालन विभाग के आठ, ट्रेजरी के एक और 25 सप्लायर शामिल थे. चारा घोटाले के इस मामले में जिन राजनेताओं को सजा सुनायी गयी थी उसमें लालू प्रसाद, डॉ जगन्नाथ मिश्र, डॉ आरके राणा, तत्कालीन पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद, राजो सिंह, और ध्रुव भगत के नाम शामिल हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कोर्ट का उदघाटन आरसी 20/96 से
रांची सिविल कोर्ट परिसर में बने पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कोर्ट रूम का उदघाटन चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 20ए/96 से हुआ था. सीबीआइ के तत्कालीन विशेष न्यायाधीश पीके सिंह ने 30 सितंबर को मामले में दोषी करार देने के बाद फैसला सुनाने के लिए तीन अक्तूबर की तिथि तय की थी. इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सहारे बिरसा मुंडा जेल सेे लालू सहित अन्य अभियुक्तों की उपस्थिति दर्ज करवायी और सजा सुनायी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें