जमशेदपुर: टाटा स्टील भारत में निवेश बढ़ायेगी. इसके लिए पब्लिक सेक्टर से फंड जुटाया जायेगा. जरूरत पड़ी तो कंपनी पब्लिक इश्यू लायेगी. उक्त निर्णय टाटा स्टील की बोर्ड मीटिंग में लिया गया. हालांकि, इस पर अंतिम मुहर 19 दिसंबर को लगेगी. सोमवार को बोर्ड रूम में हुई टाटा स्टील की बोर्ड मीटिंग में चेयरमैन एन चंद्रशेखरन समेत अन्य निदेशकों की मौजूदगी में कई फैसले लिये गये.
सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में टाटा स्टील से जुड़ी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट की कंपनियों मसलन टीआरएफ, टीएसपीडीएल, टीजीएस तथा इस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों को भी समायोजित कर कारोबार बढ़ाने पर विचार किया गया. जमशेदपुर और कलिंगानगर में भी इस तरह की एसोसिएट्स कंपनियों का एक साथ फायदा लिया जायेगा.
मीटिंग में खास तौर पर जमशेदपुर में कंपनी का विस्तार 15 मिलियन टन तक करने पर भी रजामंदी मिली, लेकिन पहले इसका एसेसमेंट किया जायेगा कि कैसे यहां यह निवेश किया जा सकता है. इसके अलावा वर्तमान में 11 मिलियन टन तक विस्तार को हर हाल में 2018 तक पूरा करने को कहा गया. झारखंड सरकार के साथ किस तरह कंपनी के माल की आवाजाही और लॉजिस्टिक सुविधाएं पहुंचानी है, उस पर एक रोड मैप तैयार करने को भी कहा गया है. गम्हरिया स्थित टिस्को ग्रोथ शॉप (टीजीएस) में भी निवेश की संभावनाओं को देखने पर रजामंदी हुई. हालांकि, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है. मीटिंग में टाटा स्टील के ग्लोबल एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन भी मौजूद थे.
टाटा स्टील का भविष्य उज्ज्वल : डॉ पीटर ब्लाउहॉफ
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य डॉ पीटर ब्लाउहॉफ ने बताया कि टाटा स्टील की बोर्ड मीटिंग काफी बेहतर रही है. कंपनी के विकास से जुड़े अहम पहलुओं पर मंजूरी दे दी गयी है. टाटा स्टील का भविष्य काफी उज्ज्वल है. बोर्ड मीटिंग में हुए फैसलों को हम मीडिया में नहीं बता सकते, लेकिन हम कह सकते हैं कि बेहतर भविष्य को देखते हुए कदम उठाने का निर्णय लिया गया है.
बोर्ड मीटिंग की मुख्य बातें
जमशेदपुर में कंपनी का 11 मिलियन टन उत्पादन 2018 तक पूरा होगा
गम्हरिया के टिस्को ग्रोथ शॉप को मिलाकर टाटा स्टील जमशेदपुर में 15 मिलियन टन का प्रोडक्शन करना चाहती है
कंपनी लॉजिस्टिक की आवाजाही को बेहतर करने के लिए एक प्लान झारखंड सरकार के साथ साझा कर आधारभूत संरचना को और बेहतर किया जायेगा
फंड का जुगाड़ पब्लिक इश्यू निकाल कर भी हो सकता है, 19 को फैसले पर लगेगी मंजूरी
टीआरएफ, टीजीएस, टीएसपीडीएल जैसी एक जैसी कंपनियों को किया जायेगा समायोजित
पर्यावरण पर पड़ने वाले एसेसमेंट का निजी एजेंसी से करायी जायेगी जांच