उन्होंने बस इतना कहा कि कुछ बदमाश होटल में ठहरे थे, उसकी जानकारी एनआइए की टीम ने ली. हालांकि विभागीय सूत्र बताते हैं कि जांच में यह बात सामने आ रही है कि रहमान होटल के एक कमरे में 12 जुलाई 2017 से 23 जुलाई 2017 तक ठहरा था. अब एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि इतने लंबे समय तक उसने होटल में रहकर क्या किया. किससे मिला. अलकायदा का स्लीपर सेल कौन है. पड़ताल अब भी जारी है.
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दिल्ली से रांची के रास्ते हजारीबाग गयी एनआइए की टीम, आतंकी रहमान के हजारीबाग कनेक्शन की हो रही है जांच
रांची/हजारीबाग : अलकायदा के आतंकी समीउन रहमान उर्फ हमदीप उर्फ राजू भाई को रिमांड पर दिल्ली से लेकर एनआइए की टीम दो दिनों से हजारीबाग में मामले की पड़ताल कर रही है. एजेंसी को जानकारी मिली थी कि ब्रिटिश मूल का बांग्लादेशी नागरिक रहमान हजारीबाग के जुलू पार्क के समीप स्थित मयूरी होटल में पूर्व […]
रांची/हजारीबाग : अलकायदा के आतंकी समीउन रहमान उर्फ हमदीप उर्फ राजू भाई को रिमांड पर दिल्ली से लेकर एनआइए की टीम दो दिनों से हजारीबाग में मामले की पड़ताल कर रही है. एजेंसी को जानकारी मिली थी कि ब्रिटिश मूल का बांग्लादेशी नागरिक रहमान हजारीबाग के जुलू पार्क के समीप स्थित मयूरी होटल में पूर्व मेंं ठहरा था. रविवार को उक्त होटल पहुंच विजिटर रजिस्टर आदि की जांच एनआइए की टीम ने की़ होटल कर्मियों से भी पूछताछ की. इसकी पुष्टि होटल संचालक विजय कुमार गुप्त ने भी की है.
सितंबर 2017 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रहमान को सकुरपुर के विकास मार्ग से उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वह अपने एक साथी से मिलने जा रहा था. उस समय उसके पास से एक पिस्टल, लैपटॉप, मोबाइल फोन, डॉलर और भारतीय मुद्रा बड़े पैमाने पर मिले थे. बाद में उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. नवंबर 2017 में दिल्ली पुलिस ने यह मामला ले लिया था. आठ नवंबर को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एनआइए इस मामले की पड़ताल में जुट गयी.
रोहिंग्याें को प्रशिक्षण देने आया था रहमान
उस वक्त पुलिस की जांच में यह बात सामने अायी थी कि रहमान रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार की सेना से लड़ने का प्रशिक्षण देने के सिलसिले में बांग्लादेश से भारत आया था. इसी कड़ी में वह दिल्ली पहुंच अपने संपर्कों से आगे की रणनीति बना रहा था. उस वक्त उसके पास से बिहार के किशनगंज से जारी फर्जी मतदाता पत्र भी बरामद हुआ था. आतंकी गतिविधि के कारण उसको बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया था. जुलाई में वहां से छूटने के बाद वह भारत आया था. इसी कड़ी में संभवत: वह हजारीबाग पहुंचा था. पुलिस के मुताबिक 2013 में वह अलकायदा में शामिल हुआ था. 2014 में उसने सीरिया में आतंकी बनने की ट्रेनिंग अलकायदा से ली थी.
आतंकी कनेक्शन से 2002 में जुड़ा था हजारीबाग
कोलकाता स्थित अमेरिकन सेंटर पर ब्लास्ट मामले में दो आतंकियों की तलाश में विशेष जांच टीम हजारीबाग पहुंची थी. यहां के खीरगांव में मुठभेड़ के दौरान दोनों आतंकियों को पुलिस ने मार गिराया था. फरवरी में भी पीर मोहम्मद नामक युवक को इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
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